टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा पर बहुत ही गंभीर आरोप लगा है। आरोप ये है कि टीएमसी सांसद ने कुछ बिजनेसमैन से पैसे लेकर संसद में सरकार से सवाल किए थे। ये आरोप बिहार से बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि उनके इसको लेकर पुख्ता सबूत भी हैं। मुंबई के जिस बिजनेसमैन से पैसे लेकर महुआ ने लोकसभा में सरकार से सवाल किए थे। उसी बिजनेसमैन ने महुआ को कैश और गिफ्ट दिए हैं।
लोकसभा स्पीकर को इस मामले में उन्होंने एक शिकायती पत्र में बीजेपी सांसद ने आरोप लगाया है कि संसद की कार्रवाई के दौरान महुआ मोइत्रा ने सरकार से कुल 61 सवाल किए थे, जिसमें से 50 सवाल ऐसे थे, जो कि केवल सुरक्षा के मुद्दों से जुड़े थे। बीजेपी सांसद ने दावा किया कि जब भी संसद की कार्यवाही शुरू हुई तब-तब महुआ मोइत्रा और सौगत रॉय ने सदन की कार्यवाही को चलने से रोकने की कोशिशें की। अब तो सबूत भी आ गया है।
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इसी के साथ लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को लिखे शिकायती पत्र में बीजेपी सांसद ने इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित करने की मांग की है। उन्होंने पत्र में कहा कि जब तक जांच पूरी न हो जाए, तब तक के लिए महुआ को सांसद के पद से सस्पेंड किया जाना चाहिए। आरोप है कि सदन में महुआ ने जानबूझकर सरकार के काम में रोड़ा अटकाने की कोशिशें की, जिससे जनहित के कामों को रोका जा सके।
बेनकाब हो चुकी हैं महुआ
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने स्पीकर को लिखे पत्र में कहा कि सवाल के बदले उपहार मामले के सामने आने के बाद अब टीएमसी सांसद बेनकाब हो चुकी हैं। उनका ये कृत्य 2005 के ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले की याद दिलाता है जब 2005 में भी कुछ सांसदों ने ऐसा ही किया था और बाद में 11 सांसदों की सांसदी चली गई थी।
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इस बीच पश्चिम बंगाल बीजेपी के महासचिव और विधायक अग्निपॉल मित्र ने पूछा है कि क्या महुआ ने हीरानंदानी से पैसे लिए हैं? वहीं इन विवादों पर महुआ ने तंज कसा है कि वो एक कॉलेज/विश्वविद्यालय को खरीदने के लिए अपनी गलत कमाई और उपहारों का उपयोग कर रही हैं। ताकि डिग्री दुबे असली डिग्री खरीद सकें।
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