इजरायल द्वारा गाजा में फिलिस्तीनी नागरिकों को 24 घंटे के अंदर उत्तरी गाजा खाली करने के आदेश के बाद अब संयुक्त राष्ट्र के चीफ एंटोनियो गुटेरेस ने इजरायल से अपने आदेश पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है। यूएन चीफ ने शुक्रवार को न्यूयॉर्क टाइम्स के एक लेख में इजरायल से ये मांग की।
इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि उत्तरी गाजा पट्टी को खाली करने के इजरायल के निर्देश शुक्रवार तक आने से पहले ही 4,23,000 से अधिक लोग गाजा में अपना घर छोड़कर भाग चुके थे।
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यूरोपीय संघ ने इजरायली आदेश को असंभव बताया
इस बीच यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल का कहना है कि इज़राइल द्वारा एक ही दिन में उत्तरी गाजा से दस लाख से अधिक लोगों को निकालने की योजना को “क्रियान्वित करना पूरी तरह से असंभव” है। उन्होंने ये बात चीन के बीजिंग में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहीं। दरअसल, बोरेल चीन के तीन दिवसीय राजनयिक दौरे पर हैं। उन्होंने आगे कहा, “यह कल्पना करना कि आप गाजा जैसी स्थिति में 24 घंटे में दस लाख लोगों को स्थानांतरित कर सकते हैं, केवल एक मानवीय संकट हो सकता है।”
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रूस ने सीजफायर की मांग की
फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास के खिलाफ इजरायल के भीषण पलटवार के बाद अब कई देश इजरायल से युद्ध बंद करने की मांग करने लगे हैं। इसी कड़ी में संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत ने शुक्रवार को गाजा पट्टी और इज़रायल में “मानवीय संघर्ष विराम” का आह्वान किया और इस संघर्ष के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया।
इसको लेकर रूस ने एक मसौदा प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में पेश किया और तत्काल युद्ध विराम और सभी बंधकों की सकुशल रिहाई की मांग की। इसके साथ ही रूस ने आतंकवाद के सभी कृत्यों की कड़ी निंदा भी की। हालाँकि, इस दौरान गाजा के आतंकी संगठन हमास का नाम रूस ने नहीं लिया, जिसने इजरायल में घुसकर कत्लेआम किया और 1300 लोगों की हत्या कर दी थी।
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