पंजाब में नशा इजरायलियों पर अत्याचार करने वाले संगठन हमास से भी अधिक खतरनाक होता दिख रहा है। नशे के लिए पैसे न मिलने पर पंजाब में एक युवक ने न केवल अपने भाई-भाभी बल्कि लगभग दो वर्षीय भतीजे की भी निर्मम हत्या कर दी। मोहाली जिले के खरड़ में एक नशेड़ी ने 10 अक्टूबर की रात पहले सगे भाई-भाभी की हत्या की, फिर दोनों के शव के साथ दो साल के भतीजे को जिंदा रोपड़-भाखड़ा नहर में फेंक दिया। वारदात गांव हरलालपुर के झुग्गियां रोड स्थित ग्लोबल सिटी कॉलोनी की है।
मृतकों की पहचान सॉफ्टवेयर इंजीनियर सतबीर सिंह (35) और उनकी पत्नी अमनदीप कौर (33) के रूप में हुई है। वहीं, नहर में फेंके बच्चे की पहचान अनहद के रूप में हुई है। खरड़ पुलिस ने आरोपी लखबीर सिंह लक्खा को गिरफ्तार कर लिया है। वारदात में उसके साथ शामिल दोस्त गुरदीप सिंह फरार है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। वारदात में इस्तेमाल चाकू, फावड़ा और कार की बरामदगी हो गई है। गुरुवार को मृतक अमनदीप कौर का शव मोरिंडा स्थित कजौली वाटर वक्र्स से बरामद कर लिया गया। सतबीर सिंह का शव अब तक नहीं मिला है। अनहद की भी तलाश जारी है। गोताखोर तलाश में जुटे हैं।
थाना सदर खरड़ पहुंचे अमनदीप कौर के भाई रणजीत सिंह और बेअंत सिंह निवासी फेज-4 मोहाली ने पुलिस को बताया कि उनकी बहन की शादी 2020 में संगरूर के गांव पंधेर निवासी सतबीर सिंह से हुई थी। वह मोहाली की एक कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। खरड़ में वह अपना घर बना रहे थे, जिसका सारा काम पूरा हो चुका था। उनका छोटा भाई लखबीर सिंह लक्खा नशेड़ी है और उनके साथ खरड़ में ही रहता था। माना जा रहा है कि पैसे के लिए वारदात को अंजाम दिया गया है। सतबीर सिंह 11 अक्टूबर को कंपनी नहीं पहुंचे तो उनके साथियों ने फोन किया, लेकिन फोन बंद था। इसके बाद उन्होंने गांव पंधेर में रहने वाली उनकी बहन को कॉल की तो उन्होंने भाभी अमनदीप कौर को फोन किया। घंटी बजती रही, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। फिर सतबीर की बहन ने मोहाली फेज-4 में रहने वाले अमनदीप के मायके वालों से संपर्क किया तो अमनदीप के भाई और पारिवारिक सदस्य सतबीर के घर पहुंचे। वहां कोठी पर ताला लगा था और कोई फोन भी नहीं उठा रहा था। इसके बाद वह ताला तोड़कर घर के अंदर पहुंचे तो फर्श पर खून बिखरा था। लखबीर सिंह के कमरे का बिस्तर भी खून से लथपथ था। इसके बाद उन्होंने सतबीर के परिवार और पुलिस को मामले की सूचना दी।
वारदात के बाद आरोपी लखबीर सिंह जिला संगरूर स्थित अपने पैतृक गांव पंधेर भाग गया था और वहां परिवार के बीच सामान्य रूप से रह रहा था ताकि किसी को कुछ पता न चले। पुलिस ने शक के आधार पर जब उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल लिया। बताया कि 10 अक्टूबर की रात को उसने अपने साथी गुरदीप सिंह के साथ मिलकर पहले भाभी के साथ मारपीट की, फिर चुन्नी से गला घोंटकर उनकी हत्या कर दी।
रात करीब साढ़े 10 बजे जब उसका भाई सतबीर ऑफिस से घर आया तो गेट के पास छिपे गुरदीप सिंह ने फावड़े से उसके सिर पर वार कर दिया। बाद में उसे घर के अंदर लाकर दोनों ने चाकू से वारकर उसकी हत्या कर दी। देर रात भाई की ही कार में भाई-भाभी के शव को डालकर भतीजे अनहद के साथ रोपड़-भाखड़ा नहर ले गए, जहां दोनों के शव के साथ अनहद को जिंदा ही नहर में फेंक दिया। परिवार ने बताया कि अनहद का दूसरा जन्मदिन 23 नवंबर को था। परिवार में इसे लेकर खुशी का माहौल था। सतबीर और उनकी पत्नी अमनदीप तैयारियों में जुटे थे। उनका कहना था कि उनके बेटे का भाग्य उनके लिए काफी अच्छा है क्योंकि उसके आने के बाद ही उनका घर बना है। दोनों इस जन्मदिन को खास बनाने वाले थे।
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