यूक्रेन की 28 वर्षीया महिला यूलिया की बड़ी चर्चा है। यूलिया ने 7 अक्तूबर को गया में अपने परिजनों और रूस-यूक्रेन युद्ध में मारे गए लोगों की आत्मा की मुक्ति और शांति के लिए श्राद्ध तर्पण किया।
इस वर्ष श्राद्ध पक्ष में बड़ी संख्या में विदेशी भी अपने पूर्वजों का श्राद्ध करने के लिए भारत आए। इन लोगों ने गया, काशी, हरिद्वार आदि तीर्थस्थलों पर अपने पुरखों के लिए अनुष्ठान किया।
इन विदेशियों में यूक्रेन की 28 वर्षीया महिला यूलिया की बड़ी चर्चा है। यूलिया ने 7 अक्तूबर को गया में अपने परिजनों और रूस-यूक्रेन युद्ध में मारे गए लोगों की आत्मा की मुक्ति और शांति के लिए श्राद्ध तर्पण किया।
बता दें कि यूलिया अपने घर में अकेली बची हैं। उनके माता-पिता और परिवार के अन्य लोग वर्तमान युद्ध में मारे गए हैं। इस कारण वे अक्सर परेशान रहती थीं।
इसी बीच वे यूक्रेन में हिंदू जागरण समिति की अध्यक्ष नागालिया सरनमा के संपर्क में आर्इं। उनके सुझाव पर वह गया आर्इं। यूलिया ने बताया कि भारतीय परंपरा और गया जी में पिंडदान का विशेष महत्व है। -प्रतिनिधि
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