बक्सर में हुई रेलगाड़ी की दुर्घटना के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक प्रभावित लोगों की हर तरह से मदद कर रहे हैं। पहले घायलों को गाड़ी से निकालकर विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया और उसके बाद यात्रियों के बीच जरूरत की चीजें बांटी गईं।
संघ के स्वयंसेवक सेवा कार्य में सबसे आगे रहते हैं। यह पुनः 11 अक्टूबर को भी दिखा, जब दानापुर-बक्सर रेलखंड पर रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन के समीप रात लगभग 10 बजे 12506 डाउन नार्थ-ईस्ट एक्सप्रेस बेपटरी होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में ट्रेन के 23 डिब्बे पटरी से उतर गए। एक डिब्बा दूसरे डिब्बे पर चढ़ गया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 04 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 70 से अधिक यात्री घायल हुए। घायलों का इलाज सात अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। फंसे हुए यात्रियों को एक विशेष ट्रेन से गन्तव्य के लिए रवाना किया गया है। रेलवे ने 10 ट्रेनों को रद्द किया है और 21 ट्रेनों का मार्ग बदला है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए एक समिति गठित की गई है।
स्थानीय लोगों के अनुसार रघुनाथपुर पश्चिम गुमटी के समीप तेज आवाज के साथ ट्रेन के डिब्बे बेपटरी होकर पलट गए। कुछ ही देर में डिब्बे में यात्रियों की चीख-पुकार मच गई। रोने-चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के लोग उस ओर दौड़े तथा इसकी सूचना प्रशासन को दी। रेल सूत्रों के अनुसार रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन के समीप प्वाइंट चेंज करने के दौरान ट्रेन तेज झटके के साथ दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस दुर्घटना में जलपाईगुड़ी की 33 वर्षीया उषा भंडारी, 08 वर्षीया आकृति भंडारी और किशनगंज के 27 वर्षीय अबू जाहिद की दुर्घटनास्थल पर ही मौत हो गई। एक अन्य मृतक की पहचान नहीं हो पाई है।
दुर्घटना की सूचना मिलते ही रघुनाथपुर के स्वयंसेवक दौड़ पड़े। एक घंटे के अंदर स्वयंसेवकों का दल जिले के अलग-अलग हिस्सों से पहुंच गया। घायलों को निकालने और उन्हें सुरक्षित एम्बुलेंस तक पहुंचाने में संघ के स्वयंसेवक प्राणपण से जुट गए। यात्रियों का सामान निकालने और लोगों का मार्गदर्शन करने में स्वयंसेवक लग गए। रेल हादसे के बाद स्वास्थ्य विभाग और पटना जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया। पटना सिविल सर्जन के साथ ही पटना स्थित एम्स, पीएमसीएच और आईजीआईएमएस आपात स्थिति के लिए तैयार हो गया। 11 लोगों का इलाज एम्स में चल रहा है। राजधानी के अन्य अस्पतालों में भी इलाज के प्रबंध किए गए हैं। बक्सर और आरा के अस्पतालों में भी त्वरित गति से सारे प्रबंध किए गए। इन सभी कार्यों में संघ के स्वयंसेवक प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सेवा कार्य करते दिखे। अभी भी अस्पतालों में संघ के स्वयंसेवक सेवा कार्य के लिए जुटे हुए हैं। रात 10 बजे से सुबह 05 बजे तक घायलों को निकालने और अस्पताल पहुंचाने में स्वयंसेवक जुटे रहे। ट्रैक पर गिरे मलवे को भी हटाने में स्वयंसेवक प्रशासक के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। स्थानीय सांसद एवं केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे गुरुवार की सुबह दुर्घटना स्थल पर पहुंच गए।
रेलवे ने इस दुघर्टना के संबंध में हेल्पलाईन नंबर भी जारी किया है, जो निम्नवत है-
• पटना – 9771449971
• दानापुर – 8905697493
• आरा – 8306182542
• कंट्रोल रूम नंबर – 7759070004
घटना के प्रारंभिक कारणों में ट्रैक टूटने की आशंका जताई जा रही है। ट्रेन के गार्ड के अनुसार, “दुर्घटना के वक्त ट्रेन लगभग 100 कि.मी./घंटा की रफ्तार से चल रही थी। अचानक ब्रेक लगा और ट्रेन बेपटरी हो गई। पोल संख्या 629/08 के पास कर्व था। यहां से ट्रेन की चार बोगियां निकल गईं। फिर एक-एक कर 21 बोगियां बेपटरी होती चली गईं। इसमें एसी 3 टायर की भी दो बोगियां थीं। इस ट्रेन के आने के आधे घंटे पहले एक पैसेंजर ट्रेन (03210) इसी ट्रैक से गुजरी थी।
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