उत्तराखंड के देहरादून में पिछले कुछ समय से MDDA कॉलोनी में एक मस्जिद को लेकर विवाद चल रहा है जिस पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर मामले को तूल दे दिया था। उन्होंने कहा था कि देहरादून में लोगों को घरों में नमाज नही पढ़ने दी जा रही है। इसी को लेकर मुस्लिम सेवा संगठन और जमीयत उलेमा हिंद ने MDDA कार्यालय का घेराव किया।
MDDA कार्यालय का घेराव करने पहुंचे मुस्लिम समुदाय के संगठन के कार्यकर्ताओं MDDA के खिलाफ नारेबाजी भी की। इसके बाद वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने MDDA के सचिव से बातचीत की। इस मौके पर जमीयत उलेमा हिंद के ज़िला अध्यक्ष मुफ्ती रईस ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर MDDA ने MDDA कॉलोनी में मंदिर, स्कूल और दौरे कमर्शियल निर्माणों पर कार्यवाही नहीं की, तो वे लोग मुस्लिमों को सड़क पर उतरने के लिए मस्जिदों से ऐलान करेंगे।
इसे भी पढ़ें: एनआईए ने राजस्थान में PFI के संदिग्धों की तलाश में मारे छापे
राज्य के पूर्व पूर्व राज्यमंत्री याकूब सिद्दीकी प्रशासन पर हिन्दू संगठनों के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हिंदू संगठनों के दबाव में हम पर एक एकतरफा कार्रवाई की जा रही है। वहीं इस मामले को लेकर एमडीडीए के सचिव मोहन सिंह बर्निया ने मामले की जाँच का आश्वासन देते हुए कहा कि वो उचित जांच के बाद इस पर एक्शन लेंगे। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि जो भी अवैध तरीके से निर्माण किए गए है उनके उपर MDDA कार्यवाही करेगा।
वहीं हिन्दू संगठनों का आरोप है कि जब आवासीय उद्देश्य से MDDA ने भवन का आबंटन किया गया था, उसके बाद इसका प्रायोजन बदल कर धार्मिक स्थल कैसे किया गया। संगठन का ये भी आरोप है कि मुस्लिम समुदाय के डर से कॉलोनी के हिन्दू परिवारों का पलायन हुआ, जिसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को एडीएम ने दी थी और इस बारे में MDDA को भी रिपोर्ट भेजी गई। हिन्दू जागरण मंच ने आरोप लगाया है कि MDDA में बैठे मुस्लिम कर्मचारियों की मिली भगत से यहां घर में मस्जिद, मदरसा बना दिया गया और जब सील किया गया तो ये समुदाय शोर मचाने लगा। हिन्दू संगठन ने देहरादून जिले में सभी मस्जिदों और मदरसे के दस्तावेजों की जांच किए जाने की मांग की है।
इसे भी पढ़ें: ‘शांत और सतर्क रहें…सुरक्षा निर्देशों का पालन करें’, इजरायल में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन ‘अजय’ लॉन्च
टिप्पणियाँ