उत्तराखंड: वन विभाग को क्यों नहीं पता चल रही वन्यजीवों की मौत की वजह, आरटीआई में हुआ खुलासा
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तराखंड

उत्तराखंड: वन विभाग को क्यों नहीं पता चल रही वन्यजीवों की मौत की वजह, आरटीआई में हुआ खुलासा

पिछले 11 सालों में 9 बाघ, 22 हाथी और 28 तेंदुओं की अस्वाभाविक मौत हुई है

by उत्तराखंड ब्यूरो
Oct 6, 2023, 09:07 pm IST
in उत्तराखंड
प्रतीकात्मक चित्र

प्रतीकात्मक चित्र

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

देहरादून। वन विभाग वन्यजीवों की मौत की वजह क्यों नहीं पता लगा पा रहा है, इसका खुलासा आरटीआई से हुआ है। इसमें वन विभाग की उदासीनता  सामने आई है। ऐसा बताया गया है कि पिछले 11 सालो में 59 वन्यजीवों की अस्वाभाविक मौत हुई, जिनमें 28 की मौत का ही कारण पता चल सका है।

जानकारी के मुताबिक पिछले 11 सालों में 9 बाघ, 22 हाथी और 28 तेंदुओं की अस्वाभाविक मौत हुई थी, जिनमें से 28 की मौत के कारणों का पता उनके  पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मिल गया, लेकिन 31 वन्यजीव ऐसे थे जिनके बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है। इनमे 13 तेंदुए, 12 हाथी और  6 बाघ हैं। ये तीनों वन्यजीव, संरक्षित श्रेणी में आते हैं और इनकी मौत की वजह जानना और उनका रिकार्ड रखना वन विभाग का दायित्व है।

वन्यजीवों की मौत के बाद उनका पोस्टमार्टम किया जाता है और विसरा वन्यजीव अनुसंधान केंद्र देहरादून अथवा आईवीआरआई बरेली भेजा जाता है।  बताया जाता है वन विभाग अपनी कमजोरी को छुपाने के मकसद से विसरा को भेजने में जान-बूझकर देरी करता है। एक समय बाद विसरा जांचशाला  पहुंचने से पहले ही खराब हो जाता है और इसकी रिपोर्ट नहीं आ पाती है। जो रिपोर्ट अभी तक मिली हैं, उनमें हाथियों के रेलवे ट्रैक पर ट्रेन से टकराने,  बाघ, तेंदुओं के तार में फंसने या जहर देने जैसे कारण बताए गए हैं।

वन्यजीव विशेषज्ञ डा शाह बिलाल बताते हैं कि दस प्रतिशत तक यदि वन्यजीवों की मौत की वजह सामने नहीं आई तो बात समझ में आती है। किंतु 50  प्रतिशत से जब आंकड़ा अधिक हो तो संदेह के बादल दिखाई देते हैं।

Topics: Reason for Death of WildlifeDeath of Wildlife Revealeduttarakhand newsउत्तराखंड समाचारउत्तराखंड वन विभागUttarakhand Forest Departmentवन्यजीवों की मौतवन्यजीवों की मौत की वजहवन्यजीवों की मौत का खुलासाDeath of Wildlife
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

pushkar singh dhami

उत्तराखंड : सीएम धामी ने चारधाम और बांधों की सुरक्षा बढ़ाने के दिए निर्देश, अलर्ट मोड पर अधिकारी

गंगनानी में हेलीकॉप्टर क्रैश

ब्रेकिंग न्यूज: गंगनानी में हेलीकॉप्टर क्रैश, 6 लोगों की मौत, एक की हालत गंभीर

उत्तराखंड में अवैध मदरसे को किया गया सील

5 और अवैध मदरसे सील, उत्तराखंड में 200 से ज्यादा अवैध मदरसों पर हुआ एक्शन

आरोपी

नैनीताल नाबालिग रेप कांड के आरोपी पर मुस्लिम समाज के कड़े फैसले

प्रतीकात्मक तस्वीर

नाबालिग हिन्दू लड़की का क्या हल्द्वानी में हुआ धर्म परिवर्तन? जांच में जुटी पुलिस, तहरीर के बाद आरोपी गिरफ्तार

लव जिहाद में हिंदू लड़की का सिर काटने वाले मुस्ताक का घर ध्वस्त

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

Live Press Briefing on Operation Sindoor by Ministry of External Affairs: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

ओटीटी पर पाकिस्तानी सीरीज बैन

OTT पर पाकिस्तानी कंटेंट पर स्ट्राइक, गाने- वेब सीरीज सब बैन

सुहाना ने इस्लाम त्याग हिंदू रीति-रिवाज से की शादी

घर वापसी: मुस्लिम लड़की ने इस्लाम त्याग अपनाया सनातन धर्म, शिवम संग लिए सात फेरे

‘ऑपरेशन सिंदूर से रचा नया इतिहास’ : राजनाथ सिंह ने कहा- भारतीय सेनाओं ने दिया अद्भुत शौर्य और पराक्रम का परिचय

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies