भारत की प्राचीन ज्ञान संपदा पर विशद् कार्य 2047 तक भारतीयता को संपूर्ण विश्व में ऐसी शक्ति के रूप में स्थापित कर देगा जिसका सर्वत्र सम्मान होगा।
गत दिनों सितंबर को नई दिल्ली के सत्य साईं आडिटोरियम में ‘भारतीय धरोहर’ संस्था का वार्षिक सम्मान समारोह आयोजित हुआ। इसमें 2019 के लिए 200 से अधिक उपन्यासों के रचयिता और साहित्यकार वैद्य गुरुदत्त को मरणोपरांत और 2020 के लिए ‘विश्व हिंदू धर्मकोश’ के मुख्य संपादक प्रो. कपिल कपूर को भारतीय धरोहर सम्मान से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर जूनापीठाधीश्वर एवं आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद जी महाराज, विश्व हिंदू परिषद् के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र कुमार जैन, वरिष्ठ स्तंभकार रामेश्वर मिश्र ‘पंकज’, स्व. गुरुदत्त के पौत्र पद्मेश जी के साथ-साथ प्रख्यात भौतिक विज्ञानी और गणितज्ञ प्रो. सी. के. राजू भी उपस्थित थे।
‘भारतीय धरोहर’ के महामंत्री विजय शंकर तिवारी ने बताया कि संस्था 18 वर्ष से भारत की प्राचीन संपदा के शोध और विमर्श हेतु सक्रिय है।
‘भारतीय धरोहर’ के संगठन मंत्री प्रवीण शर्मा ने कहा कि भारत की प्राचीन ज्ञान संपदा पर विशद् कार्य 2047 तक भारतीयता को संपूर्ण विश्व में ऐसी शक्ति के रूप में स्थापित कर देगा जिसका सर्वत्र सम्मान होगा।
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