पीलीभीत। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सरकार जंगल और वन्य जीवों के संरक्षण पर फोकस करते हुए इनके बीच lसे रोजगार की संभावना पर भी तेजी काम कर रही है। सरकार जंगल से सटे गांवों की अनिवार्य रूप से फेंसिंग कराने जा रही है, ताकि वन्यजीवों को आबादी के पास आने का अवसर न मिले। सीएम योगी पीलीभीत टाइगर रिजर्व में वन्य प्राणी सप्ताह के समापन के अवसर पर आयोजित आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ईको टूरिज्म में विकास और रोजगार की अनंत संभावनाएं छिपी हैं। सरकारी प्रयासों का ही नतीजा है कि यूपी के जंगलों में बाघ व दूसरे वन्य जीवों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के अंदर 2014 में बाघों की संख्या सिर्फ 35 थी, जो 2018 में बढ़कर 65 तक जा पहुंची हैं। प्रदेश में छह साल के अंदर 167 करोड़ पौधे रोपे जा चुके हैं। 10 नए वेटलेंड विकसित किए गए हैं। पर्यटन विकास पर तेजी से काम चल रहा है। पीलीभीत में चूका, बिजनौर में अमानगढ़ और बहराइच के कर्तनिया वन क्षेत्र में में हर साल लाखों पर्यटक पहुंच रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) में पारिस्थितिक तंत्र और जैव विविधता के प्रमुख मिस मिंडोरी पैक्सटन की ओर से पीलीभीत टाइगर रिजर्व को अंतरराष्ट्रीय स्तर का टाइगर एक्स टू अवार्ड दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मन की बात कार्यक्रम में इसका जिक्र कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि पहले वन्यजीव हमले में जनहानि होती थी तो पीड़ितों को सरकारी मदद नहीं मिल पाती थी। हमने इसे आपदा घोषित किया । अब अगर कोई जनहानि होती है तो पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये की सहायता राशि दी जाती है। जो गांव जंगल से सटे हुए हैं, वहां अनिवार्य रूप से फेंसिंग कराई जाएगी, ताकि वन्यजीवों को आबादी के पास आने का अवसर न मिले।
सीएम योगी ने प्रकृति का महत्व समझाते हुए कहा कि श्रृष्टि में जीव जंतु रहेंगे तो मनुष्य का अस्तित्व भी बचा रहेगा। मनुष्य हो या वन्य जीव, सब कुदरत की एक ही कड़ी से जुड़े हैं। जंगलों का विकास होगा तो यहां से रोजगार के नए-नए रास्ते भी निकलेंगे। जंगल रोजगार का बड़ा माध्यम बन सकते हैं। आसपास रहने वाले लोग जरूरी ट्रेनिंग लेकर गाइड बन सकते हैं। सीएम योगी ने नागरिकों से जीव-जंतुओं के प्रति और अधिक संवेदनशील होने के साथ पर्यटकों से प्लास्टिंग का प्रयोग नहीं करने की अपील की। इस मौके पर उन्होंने पीलीभीत के विकास से जुड़ीं 250 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। कार्यक्रम में वन मंत्री डा. अरुण कुमार, राज्यमंत्री केपी मलिक, संजय गंगवार, बलदेव सिंह औलख, प्रशासन व वन विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे।
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