देवभूमि उत्तराखंड में हजारों हेक्टेयर सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया। अब बीजेपी की पुष्कर सिंह धामी सरकार इसे हटाने में जुटी हुई है। धामी सरकार का बुल्डोजर सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा कर ऐश कर रहे अतिक्रमणकारियों के खिलाफ चल रहा है। लेकिन जंग लगी सरकारी मशीनरी काम में वो तेजी नहीं दिखा पा रही है, जिसकी आशा सीएम धामी को है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार, वन विभाग और राजस्व विभाग की जमीनों पर अवैध रूप से हजारों नहीं लाखों लोग आकर बस गए हैं। ये संख्या बढ़ती ही जा रही है। इसका असर ये हो रहा है कि क्षेत्र की डेमोग्राफी में तेजी से बदलाव हो रहा है। वन विभाग ने अतिक्रमणकारियों के कब्जे से 3000 हेक्टेयर जमीन को मुक्त करा लिया है, लेकिन अभी भी उसकी 8000 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा है। वन विभाग एक्शन तो लेता है, लेकिन राजनीतिक रुकावटों के कारण इसकी चाल बहुत ही मंद है।
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वहीं कई जिलों में कुछ अधिकारी ऐसे भी है जो इस अभियान को इस लिए ठंडे बस्ते में डाल देते हैं, “मैं अपने कार्यकाल में क्यों बवाल मोल लूं”। इसी सोच के चलते उत्तराखंड के चार मैदानी जिलों में अतिक्रमण की समस्या नासूर बन गई है। इसकी वजह से जनसंख्या असंतुलन एक राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक समस्या का विकराल रूप ले रही है। रेलवे की जमीन मसूरी-लालकुआं में कब्जा मुक्त की जा रही है, लेकिन हल्द्वानी रेलवे की जमीन का विवाद सुप्रीम कोर्ट में लंबित पड़ा हुआ है।
राजस्व विभाग, ग्राम पंचायत की जमीनों पर हजारों की संख्या में बाहर से आए मुस्लिम बसते जा रहे हैं, जिन्हें स्थानीय नेता संरक्षण दे रहे हैं और उनसे चौथ वसूल रहे हैं।
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बिगड़ने नहीं देंगे देवभूमि का सनातन स्वरूप
राज्य में सरकारी जमीनों पर पर कब्जे को लेकर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि वो देवभूमि उत्तराखंड का सनातन स्वरूप बिगड़ने नही देंगे। उन्होंने कहा कि हमारे तीर्थ हमारी नदियां पावन और पूजनीय हैं, जिनका संरक्षण करना इनकी सेवा करना हमारा पहला कर्तव्य है, हम नदियों को जंगल को कब्जा मुक्त कराने का अभियान छेड़ चुके हैं। ये हिमालय ये शिवालिक हमारे आराध्य देवी देवताओं के वास है। सीएम धामी ने दो टूक कहा है कि हम एक एक इंच सरकारी भूमि कब्जे से मुक्त कराएंगे। बेहतर यही होगा कि अवैध कब्जेदार खुद ही कब्जा छोड़ दें अन्यथा हमारा बुल्डोजर आ रहा है।
अतिक्रमण की गई जमीनों को किया गया चिन्हित
उत्तराखंड राज्य में भागौलिक दृष्टि से 71 प्रतिशत क्षेत्र में जंगल भूमि है, जहाँ सबसे ज्यादा अवैध रूप से अतिक्रमणकारी बसे हुए हैं। राज्य सरकार ने एक सर्वे करवाया है, जिसके मुताबिक, 11,814 हेक्टेयर वन भूमि पर बाहर से आए लोगों ने कब्जा किया हुआ है । सर्वे में ये बताया गया है कि जिन 23 नदियों में खनन होता है वहाँ पर काफी कब्जे किए गए हैं। दरअसल यहां 2005 तक खनन के काम के लिए बाहरी राज्यों से मजदूर आते थे और बारिश के मौसम में खनन बंद होने के बाद वापिस चले जाते थे। लेकिन पिछली कांग्रेस शासन काल में ये लोग यहां स्थाई रूप से कच्चे पक्के मकान बना कर बस गए। अब तो यहाँ सरकारी जमीनों का भी सौदा होने लगा है। इस सौदे बाजी को राजनीतिक संरक्षण मिला और अब यहां अवैध बस्तियां जनसंख्या असंतुलन, मुस्लिम तुष्टिकरण का कारण बन गई है।
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गंगा तीर्थ नगरी में कुम्भ क्षेत्र को छोड़ दिया जाते तो पूरा जिले में हरी चादर फैल गई है। हरिद्वार जिले में गंगा, नैनीताल और उधम सिंह नगर जिले में गौला,कोसी नदी, देहरादून जिले में टोंस, यमुना, कालसी, रिस्पना, नौरा, अमलावा नदियों के किनारे बसे अवैध कब्जाधारियों का सत्यापन किया जा रहा है।
मुस्लिम गुर्जरों ने किए कब्जे
उत्तराखंड के कॉर्बेट और राजा जी टाइगर रिजर्व से मुस्लिम गुर्जरों को सरकार ने बाहर निकाल कर हर परिवार को एक-एक हैक्टेयर जमीन दी थी। लेकिन इन्होंने हिमाचल-यूपी से अपने लोगों को बुलाकर सैकड़ों हेक्टेयर जमीनों पर कब्जा जमा लिया। इसका खुलासा सर्वे से हुआ है। इस मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने वन विभाग को फ्री हैंड देते हुए कहा है कि कोई दबाव नहीं है और उन्हे जंगल बिल्कुल अतिक्रमण मुक्त चाहिए। उन्होंने कहा कि पुराने चले आ रहे गोट खत्ते आबादी को छोड़ कर एक एक इंच सरकारी जमीन खाली करवाई जाएगी।
यही नहीं राज्य सरकार ने देहरादून जिले में हिमाचल, यूपी से लगे विकासनगर क्षेत्र में ढकरानी आसन बैराज क्षेत्र में जलविद्युत विभाग और सिंचाई विभाग की नहरों के किनारे जमीनों पर हुए अवैध कब्जो को धामी सरकार ने बुल्डोजर चला कर खाली करवा दिया है। यहाँ बिना अनुमति के बनी मस्जिदों और मदरसों को प्रशासन ने खुद हटाने का नोटिस भी दिया है।
धामी सरकार राज्य में धार्मिक प्रतीकों की आड़ लेकर कब्जाई गई सरकारी जमीनों पर भी बुल्डोजर चला दिया है। यहाँ वन,पीडब्ल्यूडी ,रेलवे, सिंचाई भूमि पर कब्जे करने की नियत से मजारें, मस्जिद मदरसे, बना दिए गए थे। कॉर्बेट और राजा जी टाइगर रिजर्व जहां इंसान के पैदल चलने की अनुमति नहीं थी, वहां मजारे बना दी गई थीं, जिन्ंहे हटवा दिया गया है। प्रशासन ने ऐसे 544 अवैध धार्मिक कब्जों को हटाया है, जिनमें 501 अवैध मजारे हैं।
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