अदालतों से लेकर रेलों तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

अदालतों से लेकर रेलों तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

सरकारी कामकाज का 37.5 प्रतिशत समय दस्तावेजों को निपटाने और दूसरी प्रक्रियाओं में निकल जाता है। ऐसे में भारत सहित कई सरकारों ने बड़े स्तर पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करना शुरू किया

by बालेन्दु शर्मा दाधीच
Oct 6, 2023, 02:51 pm IST
in भारत
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

भारत में भी सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पहल पर अदालत की कार्यवाही, दलीलों आदि के लाइव ट्रांसक्रिप्शन (लेखन) की परियोजना शुरू हुई है जिसमें एआई का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस परियोजना की मदद से अदालत की कार्यवाही का स्थायी रिकॉर्ड रखा जा सकेगा। फिलहाल यह संविधान पीठ में काम कर रही है।

जेनरेटिव एआई के फायदों को देखते हुए भारत सहित कई सरकारों ने इसके प्रयोग शुरू कर दिये हैं। अमेरिका का रक्षा विभाग (पेंटागन) सैनिक उपकरणों के नये डिजाइन बनाने के लिए मशीनी दिमाग को आजमा रहा है तो ब्रिटेन और आॅस्ट्रेलिया की सरकारें सड़कें, पुल, परिवहन आदि की योजना बनाने में इसका फायदा उठा रही हैं। ब्रिटेन का एक उदाहरण दिलचस्प है। वहां वाहनों के चालान जैसे मामूली मामलों में उत्तर तैयार करने के लिए भी वकील इतनी ज्यादा फीस लेते हैं कि वह सामान्य व्यक्ति के बस की बात नहीं है। ‘डू नॉट पे’ नामक चैटबॉट ने इसका समाधान दे दिया है जो खुद ही उत्तर और दलीलें तैयार करने लगा है।

भारतीय रेलवे के सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स (क्रिस) ने एआई पर आधारित यह एप्प बनाया है जो ट्रेनों में सीटों के खाली रह जाने की समस्या के समाधान में हाथ बंटाएगा। इसने रेलयात्राओं से जुड़े बहुत सारे डेटा का विश्लेषण किया है, जैसे किन रेलमार्गों पर किस सीजन में ज्यादा मांग रहती है और किन रेलगाड़ियों के कौन से स्टेशनों के बीच बुकिंग कम होती है। इससे यात्रियों की भी मदद होगी और रेलवे की भी। भारतीय रेलवे की 200 रेलगाड़ियों में इसका इस्तेमाल शुरू हो चुका है

आपने पढ़ा होगा कि भारत में भी सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पहल पर अदालत की कार्यवाही, दलीलों आदि के लाइव ट्रांसक्रिप्शन (लेखन) की परियोजना शुरू हुई है जिसमें एआई का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस परियोजना की मदद से अदालत की कार्यवाही का स्थायी रिकॉर्ड रखा जा सकेगा। फिलहाल यह संविधान पीठ में काम कर रही है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ अदालतों में तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रहे हैं। अदालतों की कार्यवाही की यूट्यूब पर लाइव स्ट्रीमिंग से लेकर पेपरलेस कोर्ट की स्थापना जैसी पहल की गई है। दस्तावेजों को कागज के बजाय स्कैन करके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में सहेजा जाने लगा है। इससे दस्तावेज तो सुरक्षित होंगे ही, उन्हें न्यायाधीशों, वकीलों, छात्रों और नागरिकों द्वारा इस्तेमाल भी किया जा सकेगा। इसका पर्यावरण पर भी असर पड़ेगा क्योंकि भारत की अदालतों में ए-3 साइज के 11 अरब कागजों का सालाना इस्तेमाल होता है।

साल 2014 में हुए एक अध्ययन में कहा गया था कि सरकारी कामकाज का 37.5 प्रतिशत समय दस्तावेजों को निपटाने और दूसरी प्रक्रियाओं में निकल जाता है जबकि सिर्फ 9 प्रतिशत समय में ही सरकारी अधिकारी कोई ठोस काम कर पाते हैं। ऐसी बहुत सी प्रक्रियाएं हैं जो बार-बार एक ही ढंग से पूरी की जाती हैं और बहुत सारे दस्तावेज तथा फॉर्म भी एक जैसे ही होते हैं। इस तरह की दोहराव वाली प्रक्रियाओं को आटोमैटिक तरीके से पूरा करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली जा सकती है। आज कंपनी मामलों के मंत्रालय के वेब पोर्टल एमसीए 3.0 में कुछ-कुछ ऐसा ही हो रहा है। यहां कंपनियों की तरफ से नियामकों के सामने दाखिल किये जाने वाले दस्तावेजों का विश्लेषण एआई के जरिए किया जाता है। साथ ही मशीनी अनुवाद का भी प्रयोग किया गया है।
कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में आईबीएम कंपनी की मदद से ग्राहकों के प्रश्नों और शिकायतों के उत्तर देने के लिए माईसर्वे नाम का एआई-आधारित एप्प बनाया गया है। इसी तरह नॉर्थ कैरोलिना (अमेरिका) में सरकारी चैटबॉट पासपोर्ट सेवाओं से जुड़े करीब 90 प्रतिशत प्रश्नों के जवाब देने में सक्षम है। इससे बोलकर भी सवाल किये जा सकते हैं और लिखकर भी।

भारतीय रेलवे के सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स (क्रिस) ने एआई पर आधारित यह एप्प बनाया है जो ट्रेनों में सीटों के खाली रह जाने की समस्या के समाधान में हाथ बंटाएगा। इसने रेलयात्राओं से जुड़े बहुत सारे डेटा का विश्लेषण किया है, जैसे किन रेलमार्गों पर किस सीजन में ज्यादा मांग रहती है और किन रेलगाड़ियों के कौन से स्टेशनों के बीच बुकिंग कम होती है। इससे यात्रियों की भी मदद होगी और रेलवे की भी। भारतीय रेलवे की 200 रेलगाड़ियों में इसका इस्तेमाल शुरू हो चुका है।
(लेखक माइक्रोसॉफ्ट एशिया में डेवलपर मार्केटिंग के प्रमुख हैं)

Topics: भारतीय रेलवेसेंटर फॉर रेलवे इन्फॉर्मेशन सिस्टम्सअमेरिका का रक्षा विभागजेनरेटिव एआई
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

देवबंद रुड़की रेल लाइन को मिली मंजूरी

उत्तराखंड: देवबंद-रुड़की नई रेल लाइन परियोजना को मिली CRS से मंजूरी, स्पीड ट्रायल सफल

Rishikesh Karnaprayag Railline

उत्तराखंड: ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन बिछाने की योजना पर काम हुआ शुरू

Prayagraj Mahakumbh-2025

महाकुंभ-2025: UP के हर जिले से प्रयागराज के लिए चलेंगी बसें, 3000 स्पेशल ट्रेन भी, NSG की मॉक ड्रिल

Indian Railway changed the name of station

उत्तर प्रदेश: कानपुर में रेलवे ट्रैक पर मिला अग्निशमन यंत्र, लोको पायलट के आपातकालीन ब्रेक से टली दुर्घटना

Sabarmati Express derail near Kanpur

कानपुर के पास साबरमती एक्सप्रेस के 20 डिब्बे पटरी से उतरे, भारी वस्तु से टकराया इंजन, साजिश की आशंका, आईबी करेगी जांच

चलती ट्रेन में तबीयत खराब होने पर आप इस तरह रेलवे से पा सकते हैं मेडिकल हेल्प

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies