दिल्ली से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को दिल्ली के बहुचर्चित शराब घोटाले के मामले में कोर्ट ने 5 दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय की कस्टडी में भेज दिया। लेकिन एक सवाल जो आम आदमी पार्टी के नेता का समर्थन करने वाले उठा रहे हैं वो ये है कि अगर दिनेश अरोड़ा के पास संजय सिंह के खिलाफ जानकारी थी तो वो डेढ़ साल तक क्यों चुप रहा? अब इस सवाल का जबाव ईडी ने दिया है।
गुरुवार ( 5 अक्टूबर 2023) को प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत में पेशी के दौरान दावा किया कि उसके पास सांसद संजय सिंह के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। इस पर सिंह ने सवाल किया कि खुद प्रवर्तन निदेशालय दिनेश अरोड़ा और अमित अरोड़ा से 10 बार पूछताछ कर चुका है, लेकिन अब डेढ़ साल बाद ही उनका नाम उन्होंने क्यों लिया। क्या ये चौंकाने वाला नहीं है। डेढ़ साल तक संजय सिंह का नाम नहीं लेने के सवाल का जबाव देते हुए जाँच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि संजय सिंह का पद बहुत ही प्रभावशाली है और उनका राजनीतिक कद भी बड़ा है। इसी कारण से दिनेश अरोड़ा डरा हुआ था।
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लेकिन हाल ही में जब वो इस मामले में सरकारी गवाह बना तो उसने खुलकर संजय सिंह का नाम ले लिया। ईडी ने कोर्ट में एडमिट किया कि दिनेश अरोड़ा ने इसी महीने की एक अक्टूबर 2023 को एजेंसी के समक्ष इस बात को स्वीकार किया था कि उसने 3 करोड़ रुपए आप सांसद संजय सिंह को दिए थे। इसमें से 2 करोड़ रुपए उनके घर में और एक करोड़ रुपए इंडो स्प्रिट दफ्तर में पहुँचाए गए थे।
संजय सिंह के कहने पर दिनेश अरोड़ा ने आप के लिए जुटाए थे फंड
सांसद संजय सिंह के कहने पर ही व्यवसायी दिनेश अरोड़ा ने दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी के लिए फंड इकट्ठा करने का काम किया था। इसके लिए उसने दिल्ली के कई रेस्टोरेंट संचालकों से फंड रेज किया था। बाद में संजय सिंह के जरिए तब के आबकारी मंत्री रहे मनीष सिसोदिया को उसने 32 लाख रुपए का चेक दिया था। इस काम के बदले संजय सिंह ने आबकारी विभाग में अटके पड़े उसके एक मामले को सुलझाने में उसकी मदद की थी।
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