वामपंथी स्टेट केरल से नारकोटिक्स जिहाद के एक ही दिन में दो मामले सामने आए हैं। इस मामले में कोझिकोड पुलिस ने एक डॉक्टर को तलवार से धमकाकर लूटपाट करने वाले तीन सदस्यीय गिरोह को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मट्टुम्मल हाउस के ई के मुहम्मद अनस (26), गौरीशंकरम, कुन्नमंगलम के एन पी शिजिंदस (27), और परोप्पडी से अनु कृष्णा (24) शामिल है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना सोमवार सुबह कोझिकोड रेलवे स्टेशन के पास एक लॉज में हुई। वहाँ पहुँचे तीनों आरोपियों ने पीड़ित डॉक्टर को तलवार की नोक पर धमकाते हुए लूट की वारदात को अंजाम दिया। जानकारी के मुताबिक, आरोपियों ने रविवार को डॉक्टर से मुलाकात की और उसका पता चलने के बाद सुबह-सुबह वो डॉक्टर के घर हथियार लेकर पहुँचे और धमकाते हुए पैसे माँगे। लेकिन, जब उन्हें पता चला कि डॉक्टर के पास कैश नहीं है, तो उन्होंने उससे यूपीआई के जरिए 2500 रुपए देने के लिए मजबूर कर दिया।
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बताया जाता है कि तीनों आरोपी ड्रग एडिक्ट थे, लेकिन ड्रग खरीदने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे तो उन्होंने लूट और चोरी करने का रास्ता चुना। वारदात को अंजाम देने के बाद मोहम्मद अनस और अनु कृष्णा दिल्ली भगना चाहते थे, लेकिन सभी को टाउन पुलिस इंस्पेक्टर बैजू के जोस और कोझिकोड एंटी-नारकोटिक्स सेल के सहायक आयुक्त टी पी जैकब के नेतृत्व में जिला एंटी-नारकोटिक्स स्पेशल एक्शन फोर्स की एक टीम ने ऑपरेशन चलाकर पकड़ लिया। इनके पास से मोटरसाइकिल, मोबाइल फोन और एक तलवार जब्त की गई है।
इसी तरह के एक अन्य मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में चक्करक्कल मोवेनचेरी के आरती गिरीश (29) को पुलिस ने त्रिपुनिथुरा, एर्नाकुलम में पकड़ा है। इन दोनों को रविवार रात त्रिपुनिथारा रिफाइनरी रोड पर रेलवे ओवरपास के पास एक अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही पुलिस ने महिला के साथ बिलाल मुहम्मद (34) नाम के एक अन्य इस्लामिस्ट को भी कोल्लम किलिकोल्लूर स्थित मुन्ना नाम के शख्स के घर से गिरफ्तार किया। पुलिस ने उनके पास से 22 ग्राम मेथामफेटामाइन, जिसे एमडीएमए के नाम से जाना जाता है और गांजा जब्त किया।
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गौरतलब है कि केरल में आए दिन ऐसे कई मामले सामने आते रहे हैं जहाँ इस्लामवादी हिन्दू महिलाओं को मादक पदार्थों के जिहाद में फंसाते हैं और उन्हें ड्रग पैडलर के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। इन कमजोर महिलाओं का इस्तेमाल जबरन वसूली और हनीट्रैप मामलों में भी किया जाता है। एक बार इसकी लत लग जाने पर महिलाओं के पास कोई विकल्प नहीं रह जाता है। ऐसे हिन्दू पीड़ितों की न तो समाज मदद करता है और न ही सरकार। संयोग की बात ये है कि इनमें से अधिकतर महिलाएं केरल के मालाबार क्षेत्र से हैं।
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