नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव में I.N.D.I.A. बनाम NDA के मुकाबले का भले ही इंतजार है। लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ चुनाव (डूटा) में इसका प्रयोग हुआ। भाजपा समर्थित शिक्षक ईकाई एनडीटीएफ पिछले दिनों हुए कड़े मुकाबले में इंडिया समर्थित डेमोक्रेटिक यूनाइटेड टीचर्स एलायंस यानी डूटा को हराने में कामयाब रही। इस चुनाव से आम शिक्षक यह भी अंदाजा लगाने लगे हैं कि आगामी चुनाव का रुख क्या होगा।
पिछले दिनों 27 सितम्बर को दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ चुनाव संपन्न हुआ। देश की सबसे बड़ी शिक्षक यूनियन के चुनाव में करीब 9500 से अधिक मतदाताओं में से 8295 शिक्षकों ने अपने मत का इस्तेमाल किया। देर रात तक मतगणना कार्य पूरा किया गया। इसमें मौजूदा शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो अजय कुमार भागी ने विपक्ष के उम्मीदवार डॉ आदित्य नारायण मिश्रा को कड़ी शिकस्त दी। उन्हें दोबारा सत्ता हासिल करने का मौका मिला। दो साल पर होने वाले इस चुनाव के लिए विश्वविद्यालय में विभिन्न शिक्षक संगठनों ने एक संयुक्त मोर्चा बनाया था, जिसमें कांग्रेस, वामपंथी और अन्य छोटे-छोटे दलों के समर्थित शिक्षक संगठन शामिल थे। इस संयुक्त मोर्चे का नाम डेमोक्रेटिक यूनाइटेड टीचर्स एलायंस यानी डूटा दिया गया था।
डॉ मिश्रा ने भारत सरकार की नाकामियां गिनाईँ
पिछले चुनाव में विपक्षी दलों के मतों में विभाजन के कारण भाजपा समर्थित शिक्षक संगठन को शानदार जीत मिली थी। ऐसे में इस बार रणनीति बनाई गई कि विपक्ष के सभी संगठन एक मंच पर आएं ताकि शिक्षक संघ में भाजपा समर्थित संगठन को जीत से दूर रखा जाए। संयुक्त मोर्चे ने इसके लिए शिक्षक संघ में तीन बार अध्यक्ष रहे डॉ आदित्य नारायण मिश्रा को प्रत्याशी बनाया। डॉ मिश्रा ने चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी थी। भारत सरकार की नाकामियां गिनाने से लेकर शिक्षा के बाजारीकरण से लेकर हर तरह के मुद्दे उठाए।
प्रो भागी ने विश्वविद्यालय के अंदर किए गए अभूतपूर्व कार्यों को रखा
दूसरी तरफ प्रो अजय कुमार भागी ने पिछले दो सालों के अंदर विश्वविद्यालय में हुए ऐतिहासिक और अभूतपूर्व कार्यों को सामने रखा। करीब तीन हजार स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति और सैकड़ों शिक्षकों के प्रोन्नति दिलाने जैसे कार्य को जगह जगह जाकर भुनाया। चुनाव में सोशल मीडिया पर एक दूसरे के खिलाफ आरोप प्रत्यारोप की खूब बौछारें भी हुईं। एक तरफ डर का माहौल पैदा किया गया तो दूसरी तरफ उस डर को खत्म करने की भरपूर कोशिश भी की गई। इस तरह के हाई वोल्टेज ड्रामा से भरे इसे चुनाव में फिर से एनडीटीएफ के उम्मीदवार प्रो भागी को जीत मिली।
प्रो भागी को 4182 तथा डॉ मिश्रा को 3787 मत मिले
प्रो भागी ने विपक्ष के उम्मीदवार को 395 मतों से हराया। प्रो भागी को 4182 तथा डॉ मिश्रा को 3787 मत मिले। उनके साथ षिक्षक संघ कार्यकारिणी के लिए एनडीटीएफ की ओर से खड़े पांच सदस्यों को भी शानदार जीत हासिल हुई। पन्द्रह सदस्यों की कार्यकारिणी में पहले चार स्थान पर एनडीटीएफ के कार्यकारी उम्मीदवारों ने दमदार जीत हासिल की। इनमें कमलेश कुमार रघुवंशी, चमन सिंह, अदिति नारायण पासवान और आकांक्षा खुराना प्रमुख हैं। छठा स्थान भी संगठन के अमित सिंह खरब को मिला। अपनी जीत से उत्साहित प्रो एके भागी ने कहा कि यह पिछले दो साल में किए गये कार्यों का परिणाम हैं। शिक्षक संघ के इतिहास में पिछले दो साल में बड़े पैमाने पर कॉलेजों और विश्वविद्यालय में स्थायी नियुक्ति कराई गई है। नियुक्ति की यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी और पदोन्नति का कार्य भी। जो शिक्षक जिस भी कारण से सिस्टम से बाहर हुए हैं उन्हें भी स्थायी कराया जाएगा यह हमारी प्राथमिकता है। आम शिक्षकों ने जिस अपेक्षा से हमें समर्थन दिया है उस पर संगठन खरा उतरेगा। शिक्षकों के हित में संगठन सदा संघर्षरत रहेगा।
शिक्षक संघ के इस चुनाव से अब अगले साल होने वाले चुनाव के भी कयास लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि विपक्ष भले ही एकजुट होकर लड़े लेकिन देश और समाज हित के कार्यो के आधार पर ही हार जीत का फैसला होगा।
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