महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में एक सरकारी अस्पताल में 24 घंटे के अंदर ही 31 मरीजों की मौत हो गई है, जिसके बाद हड़कंप मच गया है। मरने वालों में 15 बच्चे और 16 वयस्क शामिल हैं। इस मामले में एकनाथ शिंदे सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जाँच कमेटी गठित कर दी है। यह कमेटी मामले की जाँच करने के बाद सरकार को अपनी रिपोर्ट सौपेंगी।
गौरतलब है कि ये घटना नांदेड़ के शंकरराव चव्हाड़ सरकारी अस्पताल की है। अस्पताल के अधीक्षक वाकोड़े के मुताबिक, सोमवार को जिन लोगों की मौत हुई है, उसमें 12 नवजात शिशु शामिल हैं। इसमें 4 लोगों की डेथ हार्ट की समस्या के चलते हुई है, जबकि तीन लोगों की जान सांप के काटने से चली गई। उन्होंने ये भी कहा कि इस अस्पताल में 70-80 किलोमीटर दूर तक के मरीज इलाज कराने आते हैं। कई मरीजों का ट्रांसफर करने में काफी दिक्कतें आती हैं। हालाँकि, लोगों के इलाज में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जा रही है।
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अस्पताल के लिए हॉपकिन्स कंपनी से दवाओं की खरीद होनी थी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका, जिससे इस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा अस्पताल को जो बजट आवंटित हुए थे, वो कम है, जिस कारण से फंड की कमी का सामना करना पड़ रहा है। हालाँकि, जितना बजट हमारे पास उपलब्ध हैं उस हिसाब से हम मरीजों के इलाज में कोई कमी नहीं कर रहे हैं। आवश्यकता पड़ने पर बाहर से भी दवाइयाँ मंगा कर इलाज कर रहे हैं।
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हालाँकि, अस्पताल में भर्ती एक मरीज की माँ ने ये आरोप लगाया है कि उसके बच्चे के पेट में दर्द होने के कारण चार दिन पहले उसे हमने अस्पताल में भर्ती किया था, डॉक्टरों का कहना है कि उसे कोई इन्फेक्शन है, लेकिन हमें नहीं बच्चा कैसा है। इस बीच कॉन्ग्रेस नेता और राज्य के पूर्व सीएम अशोक चव्हाड़ ने सरकार से मरीजों को पूरी सुविधा उपलब्ध कराने की माँग की है। उन्होंने दावा किया कि अस्पताल में अभी भी 70 लोग घायल अवस्था में हैं।
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