कंगाली और बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान में लोगों को दो वक्त की रोटी मिलना भी मुश्किल है। अब तो वहां के लोग अन्य देशों में जाकर भीख मांगने को मजबूर हैं। ताजा मामला पाकिस्तान के मुल्तान एयरपोर्ट का है, जहां 16 भिखारियों को सऊदी अरब जाने वाली फ्लाइट से नीचे उतार दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने दो दिन पहले मुल्तान हवाई अड्डे पर सऊदी अरब जाने वाली फ्लाइट से उमरा तीर्थयात्रियों के भेष में 16 कथित भिखारियों को उतार दिया है। एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल में बताया गया कि़ जिन लोगों को विमान से उतारा गिया है, उसमें एक बच्चा, 11 महिलाएं और चार पुरुषों शामिल हैं। ये सभी उमरा वीजा लेकर सऊदी अरब जा रहे थे। आव्रजन प्रक्रिया के दौरान एफआईए अधिकारियों ने इन लोगों से पूछताछ की, जहां उन लोगों ने कबूल किया कि ये भीख मांगने के लिए विदेश जा रहे थे।
पूछताछ में इन लोगों ने यह भी खुलासा किया कि भीख से होने वाली कमाई का आधा हिस्सा उन्हें अपनी यात्रा व्यवस्था में शामिल एजेंटों को देना था। वीजा की अवधि समाप्त होने पर इन्हें पाकिस्तान लौटना था। फिलहाल एफआईए ने सभी को पूछताछ और कानूनी कार्रवाई के लिए गिरफ्तार कर लिया है।
प्रवासी पाकिस्तानियों और मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रवासी पाकिस्तानियों पर सीनेट समिति के खुलासे के बाद इन लोगों को गिरफ्तारी की गई है। मंत्रालय के सचिव ने सीनेट पैनल को बताया था कि विदेशों में पकड़े गए 90 प्रतिशत भिखारी पाकिस्तान के हैं। उन्होंने कहा था, “इराकी और सऊदी दोनों राजदूतों ने इन गिरफ्तारियों के कारण जेलों में भीड़भाड़ की सूचना दी है।” यह भी बताया गया है कि पाकिस्तान से अधिकतर भिखारी सऊदी अरब, ईरान और इराक जाने के लिए हज यात्रा के लिए जारी वीजा का फायदा उठाते हैं। वहां पहुंचते ही भीख मांगना शुरू कर देते हैं।
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