भारतीय जांबाजों ने तुर्कों से इस्राइल के हाइफा शहर को मुक्त कराया था। इसमें तीन भारतीय सैनिकों मेजर ठाकुर दलपत सिंह, कैप्टन बहादुर अमान सिंह एवं कैप्टन अनूप सिंह ने सर्वोच्च बलिदान दिया था
गत सितंबर माह को हाइफा दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थित हाइफा (पूर्व में तीन मूर्ति) चौक पर एक कार्यक्रम आयोजित हुआ। राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में रा. स्व. संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री इंद्रेश कुमार के अलावा कई पूर्व सैन्य अधिकारी उपस्थित रहे। इन सभी ने हाइफा के वीरों को पुष्पांजलि अर्पित की।
उल्लेखनीय है कि ये सैनिक ब्रिटिश भारतीय सेना के हिस्सा थे और प्रथम विश्व युद्ध में भाग लेने के लिए इस्राइल गए थे। युद्ध में तुर्क सैनिकों की तोपों का बड़ी बहादुरी के साथ सामना करते हुए ये भारतीय घुड़सवार सैनिक आगे बढ़ते गए।
23 सितंबर, 1918 को भारतीय जांबाजों ने तुर्कों से इस्राइल के हाइफा शहर को मुक्त कराया था। इसमें तीन भारतीय सैनिकों मेजर ठाकुर दलपत सिंह, कैप्टन बहादुर अमान सिंह एवं कैप्टन अनूप सिंह ने सर्वोच्च बलिदान दिया था।
1922 में भारत के बहादुर घुड़सवार दस्तों की याद में नई दिल्ली में ‘तीन मूर्ति स्मारक’ बनाया गया। इन भारतीय सैनिकों को सम्मान देने के लिए इस्राइल ने 2012 में अपने विद्यालयीन पाठ्यक्रम में भारतीय सैनिकों की अद्भुत वीरता को शामिल किया है।
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