बरेली। केन्द्र सरकार ने ‘ सबकी आकांक्षाएं, सबका विकास’ अभियान के तहत शनिवार से देश में संकल्प सप्ताह की शुरूआत कराई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअली कार्यक्रम के जरिए मुहिम का शुभारंभ किया और देश में अकेली बरेली की शिक्षिका रंजना अग्रवाल से शिक्षा में सुधार को लेकर देर तक बात की। रंजना अग्रवाल ने पारंपरिक पद्धति से हटकर पठन-पाठन में सुधार के लिए अपना आधुनिक विजन सामने रखा, जिन्हें प्रधानमंत्री ने सराहा।
संकल्प सप्ताह के तहत आयोजित लाइव कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने टीचर रंजना से कहा कि आप किस विषय के बारे में जानकारी देना चाहेंगी। इसका जवाब देते हुए शिक्षिका ने कहा कि वह बरेली में बहेड़ी ब्लाक के शाहपुर डांडी स्थित कंपोजिट उच्च माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत हैं। प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए रंजना ने कहा कि जिस ऑडिटोरियम में उपस्थित होकर वह कार्यक्रम से जुड़ी हैं, यह सरकारी योजना के तहत बना है।
बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर बधाई देते हुए पीएम मोदी ने पूछा कि आपके क्षेत्र में आयोजित चिंतिन शिविर में आयोजित हुए, उनमें कौन सा ऐसा आइडिया था जो आपको सबसे ज्यादा रोचक और प्रभावी लगा। रंजना बोलीं कि चिंतन शिविर में ब्लाक के सर्वांगीण विकास का आइडिया सबसे बेहतर था। उनका यह मानना है कि कहीं भी संपूर्ण विकास के लिए समाज के सभी घटक एक साथ समावेशी रूप से समन्वय स्थापित करेंगे तो हम सरकारी योजनाओं को जनांदोलन में बदल सकती है।
प्रधानमंत्री ने आगे पूछा कि आप अपने स्कूल के साथ मिलकर ऐसे कौन से बदलाव लाने की योजना बना रही हैं, जिससे स्कूल सीखने के परिणाम बेहतर हो सकें। रंजना ने बताया कि वह परंपरागत शिक्षा की जगह गतिविधि आधारित पढ़ाई पर ध्यान देंगी और खेल-खेल में बच्चों को सिखांएगी। इससे बच्चों का शिक्षा के प्रति रुझान के साथ क्लास में उनकी उपस्थिति भी बढ़ती है। इसके अलावा बाल सभा, प्रार्थना सभा में संगीतमय पीटी, योग, छोटी-छोटी कहानियां जैसी नई गतिविधियां कराएंगीं। साथ ही स्मार्ट क्लास का प्रयोग भी करेंगी। आधुनिकता के युग में अगर बच्चों को तकनीक से नहीं जोड़ा जाएगा तो वह पिछड़ जाएंगे।
टीचर रंजना ने पीएम मोदी से कहा कि उनके जिले में करीब ढाई हजार सरकार विद्यालय हैं और यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि हर स्कूल में स्मार्ट क्लास मौजूद हैं। स्मार्ट क्लास को लेकर पीएम मोदी ने पूरा देश आपको सुन रहा है, मान लें कि अगर कहीं ये व्यवस्था नहीं है तो व्यवहारिक तौर पर क्या किया जा सकता है। रंजना अग्रवाल ने इसे लेकर कहा कि खेल-खेल में छोटे बच्चों को गिनती, पहाड़े का ज्ञान करा सकती हैं। साथ ही अंकों के प्ले कार्ड का इस्मेमाल भी करेंगी। पीएम मोदी ने इसके बाद बरेली के ऑडिटोरियम में मौजूद बच्चों से भी बात की।
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