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एयरपोर्ट पर नमाज के लिए माँग रहे थे अलग ‘कमरा’, याचिका पर हाई कोर्ट हुआ नाराज, बोला – मस्जिद में जाओ

हाई कोर्ट ने कहा कि अगर एयरपोर्ट पर कमरा नहीं बनाया गया तो इससे समाज का क्या नुकसान होगा? इसमें जनहित जैसा क्या है?

by WEB DESK
Sep 30, 2023, 08:55 am IST
in असम
Gauhati High court decision on namaz at airport

एयरपोर्ट पर नमाज के लिए अलग कमरे की माँग पर गुवाहाटी हाई की लताड़

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मुसलमानों को अक्सर खुले में नमाज अदा करते हुए देखा जा सकता है। 5 वक्त की नमाज का हवाला देकर ये कहीं भी अपना चटाई बिछा देते हैं। इसी कोशिश में असम के गुवाहाटी एयरपोर्ट में भी मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ने के लिए जगह देने की माँग कर रहे हैं। इस मामले में स्पेशल प्रिविलेज की माँग करने वाले मुस्लिम पक्ष को गुवाहाटी हाईकोर्ट ने झटका देते हुए कहा कि नमाज या पूजा करने के मस्जिद है उसमें जाइए।

इसे भी पढ़ें: बदायूं में सिर तन से जुदा के नारे लगाने वाले 17 मुसलिम कट्टरपंथियों के खिलाफ केस दर्ज, तीन गिरफ्तार

गुवाहाटी के चीफ जस्टिस संदीप मेहता और सुष्मिता खौंद की बेंच ने यह जजमेंट गुवाहाटी एयरपोर्ट पर मुस्लिमों के नमाज के लिए एक अलग कमरे बनवाने की माँग को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर दिया। याचिकाकर्ता पर कटाक्ष करते हुए जजों ने कहा कि अगर एयरपोर्ट पर कमरा नहीं बनाया गया तो इससे समाज का क्या नुकसान होगा? इसमें जनहित जैसा क्या है? नमाज के लिए अलग से कमरा नहीं होने के कारण किस तरह से आपके फंडामेंटल राइट्स (मूल अधिकार) प्रभावित हो रहे हैं?

मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने टिप्पणी की कि भारत एक सेक्युलर देश हैं और यहाँ पर किसी समुदाय विशेष के लिए प्रार्थना की अलग जगह कैसे बनाई जा सकती है। अगर आपके नमाज के लिए सरकार अलग से कमरे नहीं बनवाती है तो इससे जनता का किस तरह से नुकसान होगा। क्या हम सब एक ही समाज में नहीं रहते हैं? जज के मुताबिक, एयरपोर्ट में नमाज या प्रार्थनाओं के लिए कुछ जगह रहती है, जिसे करना हो वो वहाँ पर चला जाए।

इसे भी पढ़ें: कनाडा में मानव तस्करी, अलगाववाद और आतंकवाद का ‘कॉकटेल’; एस जयशंकर बोले – UN में विश्वसनीयता की कमी

इसके साथ ही याचिकाकर्ता द्वारा नमाज के टाइम पर फ्लाइट्स का टाइम होने के सवाल पर कहा कि आपके हिसाब से सारी चीजें नहीं बदल सकती हैं। मुख्य न्यायाधीश ने नसीहत देते हुए कहा कि हम आपकी बातों से संतुष्ट नहीं हैं। अगर आपको इससे दिक्कत है तो आप अपनी सुविधा के अनुसार फ्लाइट ले सकते हैं। ये तो आपकी चॉइस पर डिपेंड करता है। आप अपने नमाज को खत्म करके ही फ्लाइट पकड़ो। एयरपोर्ट पर भी इस तरह की सुविधाएँ होती हैं। आखिर आप किसी एक समुदाय के लिए ही इस तरह की सुविधा की माँग कैसे कर सकते हो?

इसे भी पढ़ें: दिल्ली-एनसीआर में 1 अक्टूबर से डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध, इमरजेंसी सेवाओं को 31 दिसंबर तक की छूट 

आज एयरपोर्ट और कल हर ऐसी ही सुविधा मांगोगे

गुवाहाटी हाई कोर्ट ने मुस्लिमों के लिए स्पेशल प्रिविलेज वाली याचिका पर तल्ख टिप्पणी की। दरअसल याचिककर्ता ने यह दलील दी थी कि तिरुवंतपुरम और दिल्ली एयरपोर्ट पर नमाज के लिए अलग से कमरे हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर एयरपोर्ट पर अलग से कमरे नहीं हैं तो क्या ये आपके मूल अधिकारों का उल्लंघन है। अगर इसी तरह से एयरपोर्ट नमाज के लिए कमरे की माँग करोगे तो कल को यही आवाज दूसरी जगहों पर उठाई जाएगी।

Topics: गुवाहाटी हाई कोर्टGuawahati High courtAssamIslam FundamentlismNamazइस्लामHigh Courtखुले में नमाजएयरपोर्ट
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