मुंबई। आतंकी ‘अंकल’ उर्फ जावेद पटेल उर्फ जावेद चिकना की काली करतूत एनआईए की चार्जशीट में खुलकर सामने आई है। वह फेक करेंसी के जरिये भारतीय मौद्रिक व्यवस्था को ध्वस्त करना चाहता था। भारत की मौद्रिक स्थिरता को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से उसने उच्च गुणवत्ता वाले नकली भारतीय मुद्रा नोट (एफआईसीएन) प्रसारित किए और अपने सहयोगियों के माध्यम से आतंकी कृत्यों को अंजाम दिया।
एनआईए ने ठाणे फेक करेंसी मामले में नामित जावेद चिकना सहित चार लोगों के खिलाफ बुधवार को मुंबई की एक विशेष अदालत के समक्ष पूरक आरोप पत्र दायर किया था। जावेद पटेल के अलावा, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोपपत्र में रियाज शिकिलकर, मोहम्मद फैयाज शिकिलकर और नासिर चौधरी के नाम हैं। ये मुंबई रहने वाले हैं। फैयाज पर आर्म्स एक्ट के तहत भी आरोप लगाए गए हैं।
ठाणे पुलिस ने पिछले साल अप्रैल में तीन आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। रियाज शिकिलकर के पास से 2,000 रुपये मूल्य के 149 उच्च गुणवत्ता वाले नकली भारतीय नोट जब्त किए गए थे। इसके बाद, एनआईए ने मामले को अपने हाथ में ले लिया और जांच के बाद मई 2023 में फैयाज को अवैध हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया।
जांच से यह भी पता चला कि फैयाज व्हाट्सएप के माध्यम से ‘अंकल’ उर्फ जावेद पटेल के संपर्क में था, और उसने भारत में गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रची थी। उसे अपने सहयोगी ‘भाई’ के माध्यम से जावेद पटेल द्वारा भेजा गया धन भी प्राप्त हुआ था।
आरोपपत्र में कहा गया है कि वांछित आरोपी जावेद पटेल ने भारत की मौद्रिक स्थिरता को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से उच्च गुणवत्ता वाले नकली भारतीय मुद्रा नोटों को रखने और प्रसारित करके अपने सहयोगियों के माध्यम से आतंकवादी कृत्यों को अंजाम दिया था।
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