नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) बुधवार सुबह से 6 राज्यों में लॉरेंस, बंबीहा और अर्श डाला गिरोह के सहयोगियों से संबंधित 51 स्थानों पर बड़ी छापेमारी कर रही है।
बुधवार तड़के एनआईए ने पंजाब के मोगा जिले के गांव तख्तूपुरा में एक शराब ठेकेदार के घर पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। इस ठेकेदार से गैंगस्टर अर्श डाला ने फिरौती मांगी थी और इस ठेकेदार ने फिरौती का कुछ हिस्सा अर्श डाला को दिया था। एनआईए ने उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के बाजपुर थाना क्षेत्र में एक गन हाउस पर भी छापा मारा। उत्तराखंड के देहरादून जिले के क्लेमेनटाउन थाना क्षेत्र में एनआईए ने एक और घर पर छापा मारा है। देहरादून पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, एनआईए की टीम आज सुबह से ही छापेमारी कर रही है। राज्य पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, एनआईए की टीम गन हाउस में हथियारों की जांच कर रही है। इसके अलावा हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी छापेमारी चल रही है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कनाडा से संबंध रखने वाले आतंकी गैंगस्टर नेटवर्क से जुड़े 43 अपराधियों की लिस्ट जारी की थी। जनता से अपील की थी कि यदि अपराधियों और उनके सहयोगियों, दोस्तों, रिश्तेदारों की संपत्तियों की जानकारी है तो उसे साझा करें। एनआईए ने अपने पोस्ट में लॉरेंस बिश्नोई, जसदीप सिंह, काला जठेड़ी उर्फ संदीप, वीरेंद्र प्रताप उर्फ काला राणा और जोगिंदर सिंह की तस्वीरें जारी कीथीं। इनमें से कई गैंगस्टर कनाडा में हैं।
एनआईए ने पहले गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत चंडीगढ़ और अमृतसर में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के स्वामित्व वाली संपत्तियों को जब्त किया था। चंडीगढ़ में सेक्टर 15 स्थित पन्नू के आवास के बाहर संपत्ति जब्ती का नोटिस चिपका दिया गया। पन्नू विदेश में छिपा बैठा है। इससे पहले 21 सितंबर को एजेंसी ने भगोड़े गैंगस्टर गोल्डी बराड़ से जुड़े पंजाब और हरियाणा में 1000 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी। पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने एनआईए के साथ मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया था। गोल्डी बराड़ पर हाल ही में गैंगस्टर सुक्खा दुनीके की हत्या के पीछे भी होने का संदेह है।
ट्रूडो को सौंपी गई थी खालिस्तानी गुर्गों की सूची
कई मोस्टवांटेड गैंगस्टर कनाडा में हैं। खालिस्तान समर्थकों और गैंगस्टरों के बीच घनिष्ठ संबंध हैं। वर्ष 2018 में, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की अमृतसर यात्रा के दौरान, भारत ने उन्हें नौ खालिस्तानी गुर्गों की एक सूची सौंपी थी, जिनके कनाडा में होने की बात कही गई थी।
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