दिल्ली में इस साल डेंगू का आतंक बढ़ा है। पिछले साल की अपेक्षा इस साल मरीजों में कई गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पिछले साल सितंबर माह तक दिल्ली में डेंगू के सिर्फ 185 मरीज मिले थे। वहीं, इस साल मरीजों की संख्या 2701 पहुंच गई है। अगर अन्य राज्यों से इलाज कराने दिल्ली आए मरीजों की संख्या शामिल कर दिया जाए तो डेंगू के मरीजों की संख्या 5713 हो जाती है। वहीं, डेंगू के संदिग्ध मामलों की संख्या 5000 से ज्यादा है। अस्पतालों में डेंगू से कई लोगों की मौत बताई जा रही है, हालांकि डेंगू डेथ रिव्यू कमिटी ने अभी इन मामलों की पुष्टि नहीं की है।
एमसीडी अफसरों का कहना है कि पिछले साल की तुलना में डेंगू के केस इस बार अधिक हैं। इसकी वजह घरों में पानी जमा होना है। जिसमें डेंगू के मच्छर पनपते हैं। एमसीडी द्वारा कराई गई स्टडी से पता चला है कि डेंगू के 40 प्रतिशत केस घरों में फ्रेश वॉटर स्टोर करने की वजह से हैं। वहीं, दूसरा बड़ा कारण है घरों में लगे कूलर में भरा पानी है। कूलरों में जमा पानी की वजह से 32-35 प्रतिशत डेंगू के केस सामने आए हैं। 12-15 प्रतिशत डेंगू केस फ्लॉवर पॉट्स में जमा पानी की वजह से हैं।
इसके अलावा पुलिस स्टेशन और पुलिस मालखाना भी डेंगू के मामलों में इजाफे की एक बड़ी वजह है। एमसीडी अफसरों के मुताबिक 23 सितंबर को दिल्ली के अलग-अगल 197 पुलिस स्टेशन और मालखानों में डेंगू और मलेरिया के मच्छरों की ब्रीडिंग की जांच की गई। इस दौरान 83 पुलिस स्टेशनों में ब्रीडिंग पाई गई। इसके लिए एमसीडी ने 64 पुलिस थानों के अफसरों को लीगल नोटिस भी जारी किया है।
एमसीडी अफसरों का कहना है कि दिल्ली में डेंगू के केस कम हैं। लेकिन, दूसरे राज्यों से दिल्ली में इलाज कराने आए मरीजों ने संख्या में इजाफा कर दिया है। 5713 मामलों में से 52-53 प्रतिशत केस बाहरी राज्यों के हैं। अफसरों का कहना है कि दूसरे राज्यों से आने वाले कई मरीज अपने दिल्ली के किसी रिश्तेदार का पता अस्पतालों में लिखवा देते हैं। ऐसे में दिल्ली में डेंगू के मामलों की संख्या ज्यादा दर्ज हो जाती है।
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