ब्रिटेन की सरकार ने खालिस्तान के मुद्दे पर भारत के पक्ष में एक ऐसा बयान दिया है जो कनाडा के लिए एक चपत माना जा रहा है। प्रधानमंत्री सुनक ने भारत—ब्रिटेन के बीच व्यापारिक सौदे के संदर्भ में उन्होंने ऐसी बात की है जो कनाडा के प्रधानमंत्री त्रूदो के लिए एक सबक माना जा रहा है।
असल में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रूदो ने अपनी संसद में जो भारत विरोधी तेवर अपनाया था उसे लेकर कई तरफ से विरोध में स्वर मुखर हुए हैं। इसी में भारत ब्रिटेन के बीच की एफएटीएफ संधि पर भी उंगलियां उठाई जाने लगीं। इस बारे में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का जो बयान आया है उसमें सुनक ने स्पष्ट कहा है कि दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर चल रही वार्ता जारी रहने वाली है। उन्होंने कहा कि कनाडा ने खालिस्तानी आतंकी को लेकर भारत पर जो भी अनर्गल आरोप लगाए हैं उनका इस वार्ता पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।
कुछ विशेषज्ञों की तरफ से ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि कनाडा प्रकरण की वजह से संभवत: ब्रिटेन—भारत के बीच चल रही व्यापार वार्ता डगमगा सकती है। लेकिन सुनक ने ऐसी किसी भी संभावना को खत्म करते हुए जो कहा उसकी तारीफ की जा रही है। उनके कथन से स्पष्ट है कि कनाडा के भारत पर लगाए गए आरोपों को वे कोई मोल नहीं देते।
त्रूदो ने अपनी संसद में कहा था कि अलगाववादी खालिस्तानी निज्जर की हत्या में वे अपने जी—7 के सहयोगी देशों के साथ संपर्क में और इस बारे में उनकी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से बात हुई है। यहां बता दें कि यूके-भारत मुक्त व्यापार संधि (एफटीए) के बारे में 12वें दौर की बातचीत इस वर्ष 8 से 31 अगस्त के बीच हुई थी। ऐसे में यह आवाज उठाई गई कि संभवत: संधि नहीं हो पाएगी। लेकिन अब सुनक के बयान के साथ ही ब्रिटेन ने अपना मत साफ कर दिया है।
अब सुनक का जो बयान सामने आया है कि उससे स्पष्ट है कि ब्रिटेन इस व्यापारिक संघि को लेकर बहुत गंभीर है। प्रधानमंत्री सुनक की ओर से उनके प्रवक्ता का कहना है कि कनाडा ने भारत को लेकर जो गंभीर आरोप लगाए हैं उनके संदर्भ में वे कनाडा के संपर्क में तो हैं, लेकिन इनका भारत के साथ जारी उनकी मुक्त व्यापार संधि संबंधी वार्ता पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। व्यापार वार्ता पर बातचीत पहले जैसे ही जारी रहने वाली है। कनाडा के अधिकारी जो करना है वे करेंगे, ब्रिटेन उन्हें नहीं रोकेगा। सुनक के प्रवक्ता ने यह भी साफ कर दिया कि भारत के साथ बातचीत व्यापार समझौते को लेकर चल रही है, हम और किसी विषय पर उनसे कोई बात नहीं कर रहे हैं।
असल में त्रूदो ने अपनी संसद में कहा था कि अलगाववादी खालिस्तानी निज्जर की हत्या में वे अपने जी—7 के सहयोगी देशों के साथ संपर्क में और इस बारे में उनकी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से बात हुई है। यहां बता दें कि यूके-भारत मुक्त व्यापार संधि (एफटीए) के बारे में 12वें दौर की बातचीत इस वर्ष 8 से 31 अगस्त के बीच हुई थी। ऐसे में यह आवाज उठाई गई कि संभवत: संधि नहीं हो पाएगी। लेकिन अब सुनक के बयान के साथ ही ब्रिटेन ने अपना मत साफ कर दिया है।
सुनक जी—20 में शामिल होने नई दिल्ली में थे। तब न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए उन्होंने साफ कहा था कि ब्रिटेन में कट्टरवाद किसी भी रूप में स्वीकारा नहीं जा सकता। खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथ से पार पाने के लिए ब्रिटेन की सरकार भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है।
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