कसौटी कीर्तिमानों की सत्र में क्यूब हाईवेज के परियोजना प्रमुख अवधेश कुमार ने सड़क निर्माण में कीर्तिमान बनाने को एक साधन की कला की तरह बताया। अवधेश कुमार के नाम दो विश्व कीर्तिमान हैं। पहला कीर्तिमान एक दिन में 2.54 किलोमीटर की कंक्रीट सड़क का निर्माण और दूसरा कीर्तिमान एक दिन में 112 लेन किलोमीटर की सड़क का निर्माण।
कुमार ने बताया कि पहला कीर्तिमान तब बना जब वह पटेल इन्फ्रा में चीफ एक्जीक्यूशन आफिसर थे। कंक्रीट रोड के लिए छोटे-छोटे पेवर हुआ करते थे और छोटे-छोटे संसाधनों के साथ काम करते हुए एक्सप्रेसवे नहीं बन सकते। तब पटेल इन्फ्रा के मालिक अरविंद पटेल ने कंक्रीट के 250 एमक्यू के दो संयंत्र लगाए। इसका अर्थ होता है कि आप 1500 बैग सीमेंट का उपयोग कर सकते हैं। इस संयंत्र का इस्तेमाल करने के लिए उन्होंने विश्व का सबसे बड़ा 18.75 मीटर चौड़ाई का पेवर, जो एक बार में चार लेन की रोड डाल सकता है, मंगाया। विश्व कीर्तिमान बनाने के अभ्यास में रोजाना दो किलोमीटर सड़क बनने लगी और आखिरकार एक दिन में 2.54 किलोमीटर की कंक्रीट सड़क का विश्व कीर्तिमान बना।
कुमार ने कहा कि बुनियादी ढांचे में शिपिंग, रेलवे, फ्रेट कॉरिडोर, सब आते हैं लेकिन सड़क एक ऐसी चीज है जो अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा योगदान देती है। इसलिए रोड का निर्माण और उसकी गुणवत्ता हमारी जरूरत है। बीस साल पहले वाहन कम थे, अब वाहन बढ़े हैं, लोग सड़क का भुगतान करने लगे हैं, उनकी आदत पड़ी है। पहले परियोजना में देरी होने से कई बुनियादी ढांचा कंपनियां खत्म हो गयीं। लेकिन आज समय पर परियोजनाएं पूरी हो रही हैं। समय पर संग्रह हो रहा है और इसकी वजह से बुनियादी ढांचा कंपनियां और विदेश निवेश तेजी से भारत में आ रहा है। ल्ल
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