जिहाद को पाल रहे भारत के इस्लामी पड़ोसी को उसके आका चीन ने ही जमकर चूना लगाया है। पाकिस्तान को बड़ी भारी आर्थिक चपत लगाई है। चीन की बिजली कंपनियों ने अपने देश के घटियापन की मिसाल दिखाते हुए अपने ‘दोस्त’ पाकिस्तान को कई अरब रुपये का चूना लगा दिया है। इसका खुलासा खुद उनके दोस्त की एक सरकारी एजेंसी ने किया है।
पता चला है कि पाकिस्तान में बिजली बनाने का ठेका लेने वाली चीन की कंपनियों ने जो कहा था उसके उलट जाकर घटिया क्वालिटी का कोयला उपयोग करके बिजली बनाने का काम किया, लेकिन मजेदार बात यह है कि पैसा बढ़िया क्वालिटी के कोयला का वसूला गया था। इस तरह ‘दोस्त’ पाकिस्तानियों की जेब से अरबों रु. चीनियों ने झटक लिए हैं। लेकिन क्या मजाल कि इतना बड़ा घोटाला होेने पर भी पाकिस्तान की भिखमंगी हुकूमत आका चीन के सामने चूं भी कर सके। इस्लामाबाद में बैठी सरकार ने मुंह पर ताले जड़ लिए हैं।
चीनी कंपनियों के इस जबरदस्त घपले की पोल खोली है पाकिस्तान की नेशनल इलेक्ट्रिक पावर रेगुलेटरी अथॉरिटी ने। इसी ने रिपोर्ट तैयार करके बताया है कि पाकिस्तान में बिजली बनाने का ठेका लेने वाली चीन की कंपनियों के बड़े पैमाने पर घोटाला किया है। ये चीनी कंपनियां पाकिस्तान में कोयले से बिजली बनाने के नाम पर वायदे के अनुसार, 6,000 कैलोरी स्तर वाले कोयले का इस्तेमाल न करके बाहर से घटिया स्तर का कोेयला मंगाती हैं। घटिया कोयले के प्रयोग से जहां बिजली कम बन रही है, वहीं कंगाल पाकिस्तान को बढ़िया वाले कोयले का पैसा चुकाना पड़ रहा है। इसे कहते हैं कंगाली में आटा गीला होना।
इस्लामी देश ने चीन से कर्ज के नाम पर मिली उसी ‘भीख’ से कोयला से बिजली बनाने वाले 6,777 मेगावाट की बिजली इकाइयां खड़ी की हुई हैं। मजेदार बात यह है कि इन इकाइयों के संचालन का काम चीन की कंपनियां ही देखती हैं, बाहर से कोयला मंगाने का जिम्मा भी चीनियों के हाथ में है। फिलहाल, पाकिस्तान को इन इकाइयों को बनाने का 643 अरब रुपये कर्ज के चुकाने हैं।
इस्लामी देश की बिजली अथॉरिटी का कहना है कि बाहर से मंगाया जा रहा कोयला अनुबंधित मानकों के स्तर से बहुत नीचे का है। लेकिन तो भी जिनपिंग के देश की कंपनियां पाकिस्तान से बिजली बनाने के नाम पर अरबों रुपये ऐंठ रही हैं, जिसे सरकार को देना पड़ रहा है और जो आखिरकार पहले ही महंगाई तले पिसी आम जनता को चुकाना पड़ रहा है।
आखिर इस बड़े घोटाले का पता कैसे चला? यह ऐसे पता चला कि बिजली अथॉरिटी ने एक जन सुनवाई का आयोजन किया था। इसमें पता चला कि कोयला तो घटिया लग रहा है लेकिन पैसे बढ़िया क्वालिटी के लिए वसूले जा रहे हैं। चीन की कंपनियां वादे से मुकरते हुए कंगाल इस्लामी देश से बड़ी बेशर्मी के साथ छल करे जा रही हैं। लेकिन पाकिस्तान के हुक्मरान अपने दिल का दर्द चीन को बता भी नहीं सकते नहीं तो वह उनके कटोरे में कर्जे के नाम पर ‘भीख’ डालना बंद कर देगा।
इस्लामी देश ने चीन से कर्ज के नाम पर मिली उसी ‘भीख’ से कोयला से बिजली बनाने वाले 6,777 मेगावाट की बिजली इकाइयां खड़ी की हुई हैं। मजेदार बात यह है कि इन इकाइयों के संचालन का काम चीन की कंपनियां ही देखती हैं, बाहर से कोयला मंगाने का जिम्मा भी चीनियों के हाथ में है। फिलहाल, पाकिस्तान को इन इकाइयों को बनाने का 643 अरब रुपये कर्ज के चुकाने हैं।
अर्थव्यवस्था के नाम पर ठूंठ लिए घूम रहा कंगाल पाकिस्तान कुछ चुकाने की हालत में ही नहीं है। जनता बिजली के रोजाना बढ़ते दामों तले पिसने को मजबूर है तो कंगाल पाकिस्तान अपने ‘आका’ से और और कर्जे लेने को। अभी पिछले ही दिनों बिजली की बढ़ी कीमतों को लेकर देशभर में जबरदस्त प्रदर्शन हुए ही थे। लेकिन पाकिस्तान चीन के तलुवे चाटने को मजबूर है इसलिए ऐसा होगा ही।
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