इंदौर। पर्यावरण को बचाने के उद्देश्य से इंदौर में भी शुक्रवार को नो कार डे मनाया जा रहा है। शहर में इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है। अधिकारी-कर्मयारियों के साथ-साथ शहर के नागरिक भी कहीं आने-जाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं। शुक्रवार सुबह जिला कलेक्टर इलैयाराजा टी सिटी बस में सवार होकर दफ्तर पहुंचे, जबकि महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी निगम मुख्यालय तक पहुंचने के लिए पहले ई-बाइक और फिर सिटी बस का सहारा लिया। इसके अलावा अन्य अधिकारी-कर्मचारी भी ई-रिक्शा में सवार होकर कार्यालय पहुंचे।
नो कार डे के अवसर पर सामान्य दिनों के मुकाबले शहर की सड़कों पर कारों की संख्या अत्यंत कम नजर आ रही है। ज्यादातर लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर कर रहे हैं। कलेक्टर डा. इलैयाराजा टी ने शुक्रवार को नो कार डे के तहत अपने कार्यालय जाने के लिए लोक परिवहन सेवा का उपयोग किया। वे सुबह कार्यालय जाने के लिए अपने घर से पैदल निकले। पैदल चलते हुए वे जीपीओ पहुंचे और यहां उन्होंने स्टाप पर खड़े रहकर बस का इंतजार किया। बस आने पर वे उसमें सवार हुए। आई बस से कलेक्टर भंवरकुआ पहुंचे और वहां से वे सिटी बस में सवार कर अपने कार्यालय पहुंचे। कलेक्टर कार्यालय पहुंचने वाले ज्यादातर अधिकारी-कर्मचारी भी साइकिल, लोक परिवहन सेवा, दो पहिया वाहन आदि से कार्यालय पहुंचे।
वहीं, महापौर पुष्यमित्र भार्गव शुक्रवार को सुबह अपने निवास से ई-बाइक पर सवार होकर पहले फूटीकोठी चौराहा पहुंचे। वहां से उन्होंने राजवाड़ा तक जाने के लिए सिटी बस पकड़ी। राजवाड़ा पर मां अहिल्या की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद वे ई-बाइक से ही मुख्यालय पहुंचे। महापौर भार्गव ने बताया कि इंदौर स्वच्छता में नंबर वन के साथ ही वायु गुणवत्ता स्तर में भी उच्च स्तर पर है। इसके लिए आवश्यक है कि हम सभी पर्यावरण संरक्षण के क्रम में वायु प्रदूषण को रोकने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि वे दिनभर ई-बाइक पर ही सफर करेंगे। वर्षा की आशंका के चलते उन्होंने रैनकोट भी साथ में रख लिया है। वहीं, कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने सुबह ई-रिक्शा से अपनी विधानसभा का दौरा किया।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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