नई दिल्ली। ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ यानि महिला आरक्षण विधेयक राज्यसभा में पारित हो गया है। बिल के पक्ष में 215 वोट पड़े जबकि किसी ने भी बिल के खिलाफ वोट नहीं डाला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नारी शक्ति को एक विशेष सम्मान सिर्फ विधेयक पारित होने से मिल रहा है ऐसा नहीं है बल्कि इस विधेयक के प्रति देश के सभी राजनीतिक दलों की सकारात्मक सोच होना, ये हमारे देश की नारी शक्ति को नई ऊर्जा देने वाली है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि मैं इस विधेयक के समर्थन में खड़ा हूं। मेरी पार्टी और I.N.D.I.A पार्टियां पूरे दिल से इस विधेयक का समर्थन करती हैं।
इससे पहले महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा में भी पारित हुआ था। इसके पक्ष में 454 वोट पड़े, जबकि 2 वोट इसके खिलाफ पड़े। लोकसभा में ये बिल दो तिहाई बहुमत से पास हुआ है। लोकसभा में पर्ची के जरिए वोटिंग हुई। नई संसद के निचले सदन से पारित होने वाला यह पहला विधेयक है।
महिला आरक्षण लागू होने के बाद लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं में एक तिहाई सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी। लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 181 हो जाएगी। महिला आरक्षण फिलहाल 15 साल के लिए लागू होगा, जो संसद की मंजूरी के बाद बढ़ सकता है। इस विधेयक को विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में पेश किया था।
विधेयक पर केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने रानी दुर्गावती, रानी चेन्नम्मा, रानी अहिल्याबाई, रानी लक्ष्मी जैसी असंख्य वीरांगनाओं का उल्लेख किया।
वहीं, गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि दुर्गा, सरस्वती और लक्ष्मी तीन स्वरूप हैं देवियों के है। मां दुर्गा शक्ति स्वरूपा हैं, सरस्वती विद्या औऱ मां लक्ष्मी वैभव का स्वरूप हैं। इन तीनों स्वरूपों ने हमारे पुरखों ने मां की ही कल्पना की है।
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