सनातन धर्म के विरुद्ध तमिलनाडु के नेताओं द्वारा लगातार की जा रही बयानबाजी को लेकर संत समाज में भारी गुस्सा है। अब संतों ने नई दिल्ली स्थित तमिलनाडु भवन के बाहर प्रदर्शन करने की घोषणा की है।
नई दिल्ली में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में श्री दूधेश्वर मंदिर के पीठाधीश्वर और दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि सनातन धर्म पर हमला बोलने वाले यह जान लें कि सनातन धर्म कभी भी खत्म होने वाला नहीं है। इस धर्म को खत्म करने का षड्यंत्र रचने वाले खुद खत्म हो जाएंगे, मगर अनादि काल से चला आ रहा सनातन धर्म हमेशा रहेगा। श्रीमहंत नारायण गिरि गत 20 सितंबर को नई दिल्ली के प्रेस क्लब में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्टालिन उदयनिधि व स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे लोग जिनका धर्म, न्याय व सत्य से कोई लेना-देना ही नहीं है, पूरी मानवता के लिए खतरा हैं। अपने स्वार्थ में लिप्त ऐसे लोग किस हद तक गिर सकते हैं, सनातन धर्म व रामचरितमानस जैसे महान ग्रंथ के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करके उन्होंने यह साबित कर दिया है। ये लोग भूल गए हैं कि सनातन का अर्थ है जो शाश्वत हो, सदा के लिए सत्य हो। जिन बातों का शाश्वत महत्व हो वही सनातन है। जैसे सत्य सनातन है। ईश्वर ही सत्य है, आत्मा ही सत्य है, मोक्ष ही सत्य है और इस सत्य के मार्ग को बताने वाला धर्म सनातन धर्म भी सत्य है। वह सत्य जो अनादि काल से चला आ रहा है और जिसका कभी भी अंत नहीं होगा वही सनातन या शाश्वत है। जिनका न प्रारंभ है और जिनका न अंत है उस सत्य को ही सनातन कहते हैं। यही सनातन धर्म का सत्य है।
श्रीमहंत नारायण गिरि ने आगे कहा कि सनातन धर्म वसुधैव कुटुंबकम में विश्वास करता है और विश्व के प्रत्येक व्यक्ति को अपने परिवार का ही सदस्य मानता है और सबके प्रति दयाभाव रखता है, मगर इसका मतलब यह नहीं कि कोई कुछ भी बोलता रहेगा और सनातन धर्म को मानने वाले चुप बैठे रहेंगे। यह धर्म अपने खिलाफ होने वाले हर प्रकार के षडयंत्रों का मुंह तोड़ जवाब देना जानता है। यह धर्म कितना मजबूत है और इसकी जड़ें कितनी गहरी हैं, स्टालिन उदयनिधि व स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे मानवता विरोधी लोगों को इसका अंदाजा 25 सितंबर को लग जाएगा। 25 सितंबर को दिल्ली में तमिलनाडु भवन का घेराव किया जाएगा और धरना दिया जाएगा। धरने में देशभर से हजारों साधु-संत व भक्त शामिल होंगे।
स्वामी राघवानंद एवं महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत जी के अनुसार गीता में भी सनातन धर्म का वर्णन मिलता है। गीता में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि
अच्छेद्योऽयमदाह्योऽयमक्लेद्योऽशोष्य एव च
नित्यः सर्वगतः स्थाणुरचलोऽयं सनातनः
अर्थात. हे अर्जुन! जो छेदा नहीं जाता। जलाया नहीं जाता। जो सूखता नहीं। जो गीला नहीं होता। जो स्थान नहीं बदलता। ऐसे रहस्यमय व सात्विक गुण तो केवल परमात्मा में ही होते हैं। जो सत्ता इन दैवीय गुणों से परिपूर्ण हो। वही सनातन कहलाने के योग्य है।
इस श्लोक के माध्यम से भगवान कृष्ण कहते हैं कि जो न तो कभी नया रहा। न ही कभी पुराना होगा। न ही इसकी शुरुआत है। न ही इसका अंत है। अर्थात ईश्वर को ही सनातन कहा गया है। सनातन धर्म ईश्वर का बनाया हुआ धर्म है और सत्य है। यही एकमात्र धर्म है जो ईश्वर, आत्मा और मोक्ष को तत्व और ध्यान से जानने का मार्ग बताता है।
महामंडलेश्वर नवल किशोर दास महाराज ने कहा कि इतिहास गवाह है कि सनातन धर्म को खत्म करने का षडयंत्र रचने वाले खुद कब खत्म हो गए, पता ही नहीं चला। आज उनका कोई नाम तक लेने वाला नहीं है, मगर सनातन धर्म निरंतर मजबूत होता जा रहा है। पूरे विश्व में एक बार फिर सनातन धर्म का प्रभाव बढ़ रहा है, जो स्टालिन उदयनिधि व स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे लोगों से सहन नहीं हो रहा है। इसी कारण वे सनातन धर्म व रामचरितमानस पर अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं, जिसे सहन नहीं किया जाएगा और ऐसे लोगों को मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा।
महामंडलेश्वर स्वामी कंचन गिरि महाराज ने कहा कि सनातन धर्म सत्य है और सत्य को कभी भी न खत्म किया जा सकता है और न ही मिटाया जा सकता है। स्टालिन उदयनिधि व स्वामी प्रसाद मौर्य यह जान लें कि वे कितने भी षडयंत्र क्यों न रच लें, उन्हें हर बार मुंह की खानी पड़ेगी और सनातन धर्म ऐसे षडयंत्रों से और अधिक मजबूत होगा। समय आ गया है जो भी सनातन का विरोध करे, सनातनी उसके अंतिम संस्कार तक उसका सामाजिक और राजनैतिक बहिष्कार करें।
हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के कार्यकारी अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रवादी शिवसेना के अध्यक्ष जयभगवान गोयल ने कहा कि 25 सितंबर को तमिलनाडु भवन के घेराव व धरने में पूरे देश से हजारों लोग भाग लेंगे।
इस अवसर पर सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष भूषण लाल पाराशर, विश्व हिन्दू परिषद प्रांत मंत्री श्री सुरेन्द्र कुमार गुप्ता एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ करोल बाग जिला के संघचालक अशोक सचदेवा भी उपस्थित थे।
प्रेस वार्ता में उपस्थित संत
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