कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की गैर-जिम्मेवाराना हरकतों के चलते वहां रह रहे लाखों हिंदू चिंता में आ गए हैं। खालिस्तानी आतंकी निज्जर की मौत के लिए भारत के जिम्मेवार होने की आशंका जताने पर न केवल दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध खराब हो गए, बल्कि वहां रह रहे लाखों हिन्दुओं की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगने शुरू हो चुके हैं।
दुर्दांत खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत पन्नू ने एक वीडियो जारी करके हिंदुओं को धमकी देते हुए कहा कि जो लोग न केवल भारत का समर्थन कर रहे, बल्कि खालिस्तान समर्थकों के भाषण और अभिव्यक्ति के दमन का भी समर्थन कर रहे उन्हें तुरंत कनाडा छोड़कर चले जाना चाहिए। कनाडा और भारत के बीच हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने भारतीय मूल के हिंदुओं को तुरंत कनाडा छोड़ने के लिए कहा है। उसने भारत का समर्थन करने और निज्जर की हत्या का जश्न मनाने को लेकर भारतवंशियों को धमकी दी है। बता दें कि खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस को भारत में साल 2019 में प्रतिबंधित कर दिया था।
यह वीडियो ऐसे समय सामने आया है, जब कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो और भारत सरकार के बीच तीखी बहस चल रही है। दरअसल, ट्रूडो ने आरोप लगाया है कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार की साजिश हो सकती है। इसपर भारत सरकार ने भी पलटवार कर सभी बयानों को बेतुका बताया। साथ ही आरोप लगाया कि वह भडक़ाने की कोशिश कर रहा है। इस बयान के कुछ घंटे बाद ट्रूडो ने जोर देकर कहा कि कनाडा उकसाने या भडक़ाने की कोशिश नहीं कर रहा है।
कनाडाई हिंदूज फॉर हार्मनी के प्रवक्ता विजय जैन ने पन्नू की धमकी पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि हम शहर में हर तरफ हिंदूफोबिया देख रहे हैं। ट्रूडो की टिप्पणी से हिंसा भड़क सकती हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको चिंता सता रही है कि कही 1985 की घटना की तरह कनाडाई हिंदुओं को निशाना न बनाया जाए। जैन का इशारा जून 1985 की उस घटना से था, जिसमें कई लोग मारे गए थे। यह कनाडा के इतिहास का सबसे भयावह आतंकी हमला था। 25 जून 1985 को फ्लाइट मॉन्ट्रियल से लंदन के रास्ते पर थी और अटलांटिक महासागर से 31,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ रही थी कि अचानक इसमें विस्फोट हो गया। इसमें सवार 307 यात्री और चालक दल के 22 सदस्य मारे गए थे। कनाडा हर साल 23 जून को बमबारी में मारे गए लोगों की याद में आतंकवाद के पीडि़तों के लिए राष्ट्रीय स्मरण दिवस मनाता है।
टिप्पणीकार रूपा सुब्रमण्य ने पन्नू की धमकी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘अगर किसी श्वेत ने धमकी दी हो कि सभी अश्वेत लोगों को कनाडा छोड़ देना चाहिए, तो कल्पना कीजिए कि कितना हंगामा होगा। फिर भी जब कोई खालिस्तानी कनाडा में एक कार्यक्रम में हिंदुओं को धमकाता है, तो हर कोई इसे नजरअंदाज कर देता है।’
कनाडा की मंत्री अनीता आनंद ने शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि दक्षिण एशियाई और भारत से आने वाले परिवारों को ट्रूडो का बयान नहीं अच्छा लगा होगा। उन्होंने कहा कि बयान सुनना मुश्किल था, लेकिन यह कानूनी प्रक्रिया को जारी रखने का समय है। भारत में रह रहे इन कनाडाई हिन्दुओं के परिजनों में भी आशंकित होना स्वभाविक है।
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