चीन बिलबिलाया हुआ है। उसे गुस्सा इस बात का है कि जर्मनी की मंत्री ने तानाशाह शी को ‘तानाशाह’ कैसे कह दिया। चीनी सत्ता इतने आक्रोश में भरी बैठी है कि उसने आधिकारिक रूप से जर्मनी के सामने तानाशाह शी को ‘तानाशाह’ कहने पर विरोध दर्ज कराया है। यह विरोध दर्ज कराया है। असल में जर्मनी की विदेश मंत्री ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग को अपने एक वक्तव्य में तानाशाह कहा है।
जर्मनी की विदेश मंत्री बेयरबॉक ने दो दिन पहले एक चैनल को इंटरव्यू देते हुए अपने जवाब में कहा था कि ‘यदि व्लादिमीर पुतिन युद्ध में जीत गए, तो इससे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जैसे दुनिया के कई तानाशाहों को इससे क्या संकेत जाएगा?’ बेयरबॉक ने आगे कहा कि यूक्रेन को इस लड़ाई को जीतना ही होगा।
यह वक्तव्य चीन को भीतर तक चुभ गया। वहां के विदेश मंत्रालय ने कल बेयरबॉक के उस वक्तव्य पर आपत्ति दर्ज कराई और कहा कि ऐसा वक्तव्य खुलेआम राजनीतिक उकसावा पैदा करने वाला है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने जर्मनी की विदेश मंत्री के शब्दों को लेकर प्रेस वालों से सवाल—जवाब के बीच कहा,’हम जर्मन वालों की इस बात की निंदा करते हैं, हम उन्हें अस्वीकार करते हैं, जिनका कोई अर्थ नहीं है और जो बहुत ही गैर जिम्मेदाराना हैं।
चीन के राष्ट्रपति शी वहां की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी आफ चाइना के महासचिव हैं तथा सेना प्रमुख भी हैं। आज वे वहां माओ त्से तुंग के बाद सबसे ताकतवर नेता माना जाता है। बताया जाता है कि बेयरबॉक का यह वक्तव्य चीन के यूरोपीय संघ और साथ ही जर्मनी के बीच खट्टे होते जा रहे रिश्तों के माहौल में आया है।
माओ ने आगे कहा कि ऐसी टिप्पणी तथ्यों के उलट और कूटनीतिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने जैसा है। चीन ने इस मामले पर जर्मनी के सामने आधिकारिक तौर पर कूटनीतिक विरोध दर्ज करा दिया है। बता दें कि इस वर्ष की शुरुआत में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी शी जिनपिंग को ‘तानाशाह’ बोला था।
चीन के राष्ट्रपति शी वहां की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी आफ चाइना के महासचिव हैं तथा सेना प्रमुख भी हैं। आज वे वहां माओ त्से तुंग के बाद सबसे ताकतवर नेता माना जाता है। बताया जाता है कि बेयरबॉक का यह वक्तव्य चीन के यूरोपीय संघ और साथ ही जर्मनी के बीच खट्टे होते जा रहे रिश्तों के माहौल में आया है।
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