उधम सिंह नगर। उम्रकैद की सजा के दौरान पैरोल पर बाहर आया दीपक सिसोदिया फरार हो गया था और करीब दो साल तक भूमिगत रहा। आखिरकार वह पुलिस के सर्विलांस में फंस ही गया।
एसटीएफ ने दीपक सिसोदिया को खटीमा क्षेत्र से गिरफ्तार किया। मुंबई पुलिस भी उसकी तलाश कर रही थी। उस पर कई मुकदमे दर्ज हैं, मुंबई के क्राइम रिपोर्टर जेडे हत्याकांड की साजिश में दीपक सिसोदिया शामिल था। उसने जेडे हत्याकांड में छोटा राजन गिरोह को हथियार देने में मदद की थी। कोर्ट ने दीपक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
एसटीएफ के मुताबिक जनवरी माह में दीपक सिसोदिया पैरोल पर हल्द्वानी अपने आवास आया था, लेकिन उसके बात वह फरार हो गया था बताया जाता है कि वो नेपाल में छिपा रहा, पहले भी नेपाल से ही हथियार लेकर छोटे राजन गिरोह को दिए जाने का उस पर आरोप था।
दीपक पर नैनीताल जिले के काठगोदाम थाने में भी मारपीट का मुकदमा दर्ज है। कोर्ट में पेश नहीं होने के चलते उसकी संपत्ति को कुर्क करने की भी आदेश दिए गए थे, इसी बीच आज दीपक सिसोदिया को एसटीएफ ने नेपाल बॉर्डर पर बनबसा क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया।
दीपक सिसोदिया के संपर्क अंडरवर्ल्ड तक हैं और वह कई साल से छोटा राजन समेत कई लोगों के संपर्क में रहा है। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि दीपक उत्तराखंड के मोस्टवांटेड सूची में शामिल था। एसटीएफ ने उसे नेपाल बॉर्डर, बनबसा से गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ के बाद उसे मुंबई पुलिस के हवाले किया जाएगा।
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