गुमला जिले में लगभग 100 वर्ष पुराने शिव मंदिर के परिसर पर कब्जा करने का हो रहा है प्रयास। ग्रामीणों ने उपायुक्त को ज्ञापन देकर कहा है कि इस मंदिर की रक्षा के लिए कदम उठाए जाएं, नहीं तो हिंदू समाज करेगा आंदोलन
झारखंड में मिशनरी संस्थाओं से जुड़े लोगों द्वारा हिंदुओं को ईसाई बनाने की खबरें तो अक्सर आती रहती हैं, लेकिन इस बार गुमला जिले के रायडीह थाना क्षेत्र से हिंदू धर्म स्थल पर कब्जा करने की खबर आई है। ग्रामीणों का आरोप है कि एक ईसाई परिवार अंचल अधिकारी की मिलीभगत से इस जगह पर कब्जा करना चाहता है।
मामला रायडीह थाना क्षेत्र के उंचडीह गांव का है। यहां के पुराने बरगद पेड़ के पास स्वयंभू शिवलिंग विराजमान है। स्थानीय लोग इस जगह वर्षों से पूजा—पाठ करते आ रहे हैं। बाद में इस परिसर के आसपास कुछ ईसाई परिवार बस गए। धीरे—धीरे उनकी नजर इस परिसर एवं पूजा स्थल पर भी चली गई और एक ईसाई परिवार द्वारा इस जगह का अतिक्रमण करने का प्रयास किया जा रहा है। हालाँकि यह विवाद नया नहीं है, लेकिन अब ग्रामीणों ने अंचल अधिकारी पर भी इस ईसाई परिवार का सहयोग करने का आरोप लगाया है।
ग्राम प्रधान दिल बहाल मुंडा के अनुसार यहां वर्षों से भगवान शिव की पूजा हो रही है। यह बात आसपास के क्षेत्र में सभी लोगों को पता है। इसके साथ ही इस जगह पर कई वर्षों से ग्रामीण कर्मा पूजा, सरना पूजा, देवी पूजा और सरहुल जैसे त्योहार मनाते रहे हैं। इसके बाद भी ईसाई परिवार इस स्थान पर कब्जा करना चाहता है।
इस मामले को लेकर 16 सितंबर को सैकड़ों ग्रामीण गुमला के उपायुक्त से मिले और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया है कि परसा पंचायत के ऊंचडीह गांव में प्लाट 144, खाता संख्या 74, रकबा 1.6 एकड़ भूमि है। यहां एक बरगद पेड़ के नीचे वर्षों से स्वयंभू शिवलिंग विराजमान है। आस-पास के सनातनधर्मी यहां आस्था और विश्वास के साथ पूजा—अर्चना करते हैं। सावन में जलाभिषेक एवं महाशिवरात्रि में धार्मिक अनुष्ठान होता है। लेकिन मंदिर के समीप एक ईसाई व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से घर बना लिया गया है और अब वह उस मंदिर की जमीन पर कब्जा करना चाहता है। इसके साथ ही ज्ञापन में बताया गया है कि अंचल अधिकारी एक ईसाई परिवार को वहां घर बनाने में सहयोग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने उपायुक्त से कहा है कि अंचल अधिकारी की हरकतों से साम्प्रदायिक माहौल बिगड़ सकता है। अतः मंदिर परिसर में ईसाई परिवार द्वारा बनाए जा रहे घर को रोका जाए और मंदिर परिसर को सुरक्षित किया जाए।
बजरंग दल के विभाग संयोजक मुकेश सिंह के अनुसार यह स्वयंभू शिवलिंग पिछले 100 वर्ष से यहां पर विराजमान है। पहले भी कई बार इस जगह के लिए विवाद उत्पन्न करने की कोशिश की गई थी। इधर एक बार फिर से ईसाइयों के साथ मिलकर अंचल अधिकारी अमित मिश्रा के माध्यम से इस स्थान पर कब्जा करके माहौल खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। अगर प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो स्थानीय हिंदू समाज अपने मंदिर को बचाने के लिए आंदोलन से भी पीछे नहीं हटेगा।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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