यूपी के आजमगढ़ जिले में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में शाह आलम उर्फ शाहबाज पर रासुका के तहत कार्रवाई की गई है। शाह आलम ने योजनाबद्ध तरीके से श्रावण मास और मुहर्रम के महीने में दो समुदायों के बीच साम्प्रदायिक सौहार्द को खराब करने का कोशिश की थी।
दरसल, श्रावण मास व मोहर्रम त्यौहार के दौरान 22 जुलाई को रात्रि 9 बजे अमित सोनकर अपने अन्य साथियों के साथ दुकान बन्द करके अपने घर जा रहा था। तभी साम्प्रदायिक सौहार्द भंग करने के उद्देश्य से आरोपी मो. शाह आलम उर्फ शहबाज ने अन्य साथियों के साथ तिग्गीपुर इमामबाड़ा के पास अमित सोनकर व उसके साथियों पर हमला किया। योजनाबद्ध तरीके से रोक कर जान से मारने की नियत से जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुये लाठी डंडा व लोहे के पंजा से हमला कर बुरी तरह से घायल कर दिया।
जिससे त्योहार के मध्य दो समुदायों के बीच तनाव व्याप्त हो गया था। कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो गयी थी। जिसे सामान्य करने के लिये कस्बा निजामाबाद में लगातार 15 दिनों तक भारी संख्या में अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात करना पड़ा था। घायल अमित सोनकर के पिता की तहरीर पर थाना निजामाबाद में धारा-307,323,352,504,34 भादवि व 3(1)द, 3(1)ध,3(2)V एससी, एसटी एक्ट बनाम शाह आलम उर्फ शहबाज समेत 7 नामजद तथा 15-20 व्यक्ति अज्ञात के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया था।
आरोपी मो. शाह आलम उर्फ शहबाज मोहल्ला तिग्गीपुर थाना निजामाबाद जनपद को लेकर आस पास के लोगों मे भय व्याप्त है। लोग इसके विरुद्ध शिकायत करने से डरते हैं। जिस कारण आरोपी के जमानत पर छूटने पर शांति व्यवस्था पर दुष्प्रभाव पड़ने की पूर्ण संभावना के मद्देनजर थानाध्यक्ष थाना निजामाबाद की रिपोर्ट पर पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ के पत्र के आधार पर जिलाधिकारी आजमगढ़ द्वारा आरोपी मो. शाह आलम उर्फ शहबाज के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा 3 (2) के तहत निरूद्धीकरण की कार्रवाई की गई है। शाह आलम के अन्य समाज विरोधी गतिविधियों को भी पुलिस खंगाल रही है।
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