अच्छे सामाजिक कार्यकर्ता थे, उतने ही अच्छे शिक्षक भी थे। उन्होंने लगभग साढ़े तीन दशक तक दिल्ली के विभिन्न विद्यालयों में अध्यापन का कार्य किया। इसके साथ ही वे सेवा भारती के माध्यम से सेवा बस्तियों में शिक्षा, संस्कार और व्यावसायिक प्रकल्प को चलाते थे।
सेवा भारती, दिल्ली के संस्थापक सदस्यों में से एक आचार्य मायाराम ‘पतंग’ का गत 11 सितंबर को निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे। जन्माष्टमी के दिन अस्वस्थ महसूस होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन बचाया नहीं जा सका।
श्री पतंग जितने अच्छे सामाजिक कार्यकर्ता थे, उतने ही अच्छे शिक्षक भी थे। उन्होंने लगभग साढ़े तीन दशक तक दिल्ली के विभिन्न विद्यालयों में अध्यापन का कार्य किया। इसके साथ ही वे सेवा भारती के माध्यम से सेवा बस्तियों में शिक्षा, संस्कार और व्यावसायिक प्रकल्प को चलाते थे। इनके माध्यम से उन्होंने अनगिनत लोगों का जीवन संवारा।
सेवानिवृत्ति के बाद तो वे पूरी तरह समाज सेवा और लेखन कार्य को समर्पित हो गए। उनकी 60 से अधिक पुस्तकें हैं। इनमें कहानी संग्रह, क्रांतिकारियों के जीवन चरित्र और गीता की सरल व्याख्या शामिल है। पाञ्चजन्य परिवार की ओर से उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि।
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