वाराणसी । ज्ञानवापी परिसर में एएसआई द्वारा सर्वे का कार्य किया जा रहा है। जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने सर्वे के दौरान परिसर से मिले साक्ष्यों को संकलित कर संरक्षित करने का आदेश दिया है। जिला जज ने एएसआई को हिन्दू धर्म से जुड़ी, पुरातात्विक, ऐतिहासिक साक्ष्यों को जिलाधकारी को सौंपने का आदेश दिया है। जो आगे वाद के निस्तारण में महत्वपूर्ण हो सकता है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी चाहें तो इसके लिए किसी अधिकारी को नियुक्त कर सकते हैं। एएसआई सर्वे में मिले सभी साक्ष्यों के लिए निगरानी टीम का गठन भी किया जा सकता है। सभी अवशेषों को सुरक्षित रखा जाए ताकि आगे जांच में पारदर्शिता रहे और आवश्यकता पड़ने पर साक्ष्यों को न्यायालय में प्रस्तुत किया जा सके।
वादिनी राखी सिंह द्वारा याचिका देकर साक्ष्यों को संरक्षित करने की मांग की गई थी। राखी सिंह ने वाराणसी जिलाधकारी को आदेश दिए जाने की मांग की थी। जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश ने इस प्रकरण में एएसआई को जिलाधकारी एस राजलिंगम को सबूतों को सौंपने को कहा है। सर्वे के संकलित साक्ष्यों को संरक्षित करने का आदेश दिया है। आदेश की प्रति वादी, प्रतिवादी और पुलिस कमिश्नर को भी जारी करने का आदेश दिया है।
वहीं मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जाहिर की है। मसाजिद कमेटी ने अपने पक्ष में कहा कि सर्वे का कार्य चल रहा है। एएसआई के ओर से कोई रिपोर्ट न्यायालय में नहीं दी गई है। वादी पक्ष ने मूर्तियां मिलने की बात कही है। जब रिपोर्ट अभी नहीं आई है तो मूर्ति का दावा कैसे किया जा रहा है। विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने बताया कि न्यायालय ने उचित आदेश जारी किया है। सर्वे में मिले साक्ष्य दुनिया को सच्चाई बताएंगे।
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