नई दिल्ली। डीएमके के मंत्री पोनमुडी के बयान को लेकर भाजपा अब कांग्रेस, आईएनडीआईए गठबंधन पर हमलावर है। भारतीय जनती पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आईएनडीआईए गठबंधन की मुम्बई बैठक के दो दिन बाद उदयनिधि स्टालिन का बयान आना, फिर प्रियांक खड़गे का सनातन पर आघात और आज डीएमके के मंत्री द्वारा ये स्वीकार करना कि गठबंधन का गठन ही सनातन धर्म के विरोध में किया गया था, यह सोनिया गांधी, राहुल और कांग्रेस की एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है।
मंगलवार को उन्होंने एक्स पर अपना बयान पोस्ट करते हुए कहा कि कांग्रेस और आईएनडीआईए गठबंधन को इस बयान पर अपना मत स्पष्ट करना चाहिए, इनको बताना चाहिए कि क्या संविधान में किसी धर्म के बारे में आपत्तिजनक बयान देने का अधिकार है ? आईएनडीआईए गठबंधन के लोगों को क्या संविधान के प्रावधानों की जानकारी नहीं है ?
जेपी नड्डा ने कहा कि आईएनडीआईए गठबंधन कांग्रेस, सोनिया और राहुल बताएं कि मोहब्बत की दुकान के नाम पर सनातन धर्म के खिलाफ नफरत का सामान क्यों बेचा जा रहा है ? यह नफरत का मेगा मॉल सिर्फ सत्ता के लिए है- बांटो और राज करो।
सनातन धर्म पर विपक्षी नेताओं के बयान, किसने क्या कहा-
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने सनातन धर्म को डेंगू-मलेरिया बताया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक के आईटी-बीटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने भी उदयनिधि के बयान का समर्थन करते कहा कि कोई भी धर्म जो असमानता को बढ़ावा देता है, वह बीमारी ही है। उन्होंने कहा, ”कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है, मेरे अनुसार वह धर्म नहीं है।”
फिर डीएमके सांसद ए राजा ने कहा कि सनातन धर्म की तुलना एचआईवी और कुष्ठ रोग जैसे सामाजिक कलंक वाली बीमारियों से की जानी चाहिए। आज डीएमके नेता पोनमुडी ने कहा कि आईएनडीआईए गठबंधन का गठन ही सनातन धर्म के विरोध और उसे खत्म करने के लिए हुआ है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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