देहरादून। हिमाचल और यूपी से लगे कालसी वन प्रभाग के भीतर अवैध रूप से बनी मजारों को हटाने का काम बहुत हद तक पूरा हो गया है। अभी भी कुछ मजारें ऐसी हैं, जिन्हें हटाने के लिए वन अधिकारियों को कागजी कार्रवाई करनी पड़ रही है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन अधिकारियों को स्पष्ट कहा है कि “मुझे जंगल साफ चाहिए अतिक्रमण मुक्त चाहिए” प्रभागीय वन अधिकारी कालसी नीरज शर्मा के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक कालसी के जंगलों से अभी तक 19 मजारें हटाई गई हैं। इसमें 17 अवैध मजारें चौहाड़पुर रेंज में ध्वस्त की गई हैं, जबकि 2 अवैध मजारें लोंघा वन रेंज में हटाई गई हैं।
इन जंगलों में इतनी बड़ी संख्या में अवैध मजारें कैसे बनती चली गईं, इस बारे में वन विभाग के अधिकारी मौन साधे रहते हैं, जबकि वनों में अतिक्रमण नहीं होने देना और जंगलों का संरक्षण करने की पहली जिम्मेदारी प्रभागीय वनाधिकारी की होती है। हालांकि वर्तमान में प्रभागीय वन अधिकारी नीरज शर्मा ने हाल ही में ही कार्यभार ग्रहण किया है। उनसे पूर्व किस-किस डीएफओ के कार्यकाल में ऐसे मजहबी चिन्ह खड़े किए गए ये जांच का विषय है। कालसी वन प्रभाग ने पिछले चार महीनों में की गई कार्रवाई का खाका वन मुख्यालय भेजा है। इस सूचना में प्रभाग द्वारा आठ छोटे मंदिरों और 14 अन्य अतिक्रमण को भी हटाने का जिक्र किया है।
सूचना में यह भी जानकारी दी गई है कि तिमली फॉरेस्ट रेंज में जंगल की जमीन कब्जा कर भूरे शाह नाम से मजार बनाई गई है। भूरे शाह के नाम से कालसी और अन्य क्षेत्रों में भी मजारें थीं, जिन्हें उत्तराखंड सरकार वन विभाग के द्वारा हटा दिया गया था। एक ही नाम की दर्जनों मजारों की सूची में भूरे शाह और कालू सैय्यद भी है। इन मजारों को फ्रेंचाइजी मजारें बोला जाता है। मजार दरगाह एक फकीर की होती है जो एक ही स्थान पर होती है। जैसे कलियर शरीफ की दरगाह को उत्तराखंड सरकार ने तीर्थ माना है वहां कार्रवाई नहीं की गई है, लेकिन उनके नाम से बनी हरिद्वार जिले की अन्य मजारों को नोटिस जारी किए गए हैं।
कालसी क्षेत्र की भूरे शाह की अवैध मजार को हटाने के लिए भी नोटिस जारी किया गया है, जिसपर बताया जा रहा है कि कार्रवाई जारी है। ऐसा बताया गया है कि कालसी वन प्रभाग में अभी और भी अवैध मजारें हैं, जिन्हें हटाया जाना है। बहरहाल वन विभाग इन अवैध मजहबी चिन्हों को हटाने के लिए काम कर रहा है।
क्या कहते हैं सीएम धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक मीडिया संवाद में कहा है कि मैने वन विभाग को कह दिया है कि मुझे जंगल साफ चाहिए। कोई अतिक्रमण वहां नहीं रहे। विशेषकर ऐसे मजहबी चिन्ह जिन्हें जंगल की जमीन को कब्जाने की नियत से बनाए गए हों, उन्हें सबसे पहले हटाएं।
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