जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयप एर्दोगन भारत आए। इस दौरान एर्दोगन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उसके बाद उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की सदस्यता का समर्थन किया। एर्दोगन ने कहा कि यूएनएससी में भारत जैसे देश पर हमें गर्व होना चाहिए।
एर्दोगन इसके साथ एक अन्य प्रस्ताव भी रखा। उन्होंने कहा कि यूएनएससी में एक रोटेशन होना चाहिए, ताकि सभी देश वहां पहुंच सकें। अब एर्दोगन के इस समर्थन को तुर्किये की विदेश नीति में बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है। जी20 शिखर सम्मेलन के इतर राष्ट्रपति एर्दोगन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से द्विपक्षीय वार्ता भी की। बीते एक साल में दोनों पक्षों के बीच यह दूसरी व्यक्तिगत मुलाकात है। इससे पहले एससीओ समरकंद शिखर सम्मेलन के मौके पर उनकी मुलाकात होगी।
तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयप एर्दोगन ने भारत के साथ आर्थिक संबंधों पर भी जोर दिया। इस मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने दो तस्वीरें एक्स पर पोस्ट करके बैठक की जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि राष्ट्रपति एर्दोगन से मुलाकात की। हमने भारत और तुर्किये के बीच सीमेंट व्यापार और बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने के तरीकों के बारे में बात की।
दरअसल, तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयप एर्दोगन को पाकिस्तान समर्थक नेता माना जाता है। तुर्किये सरकार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन करती रही है, लेकिन एर्दोगन के यूएनएससी में भारत के समर्थन पर भारत-तुर्किये संबंधों में आ रही मजबूती के तौर पर देखा जा रहा है। इसके साथ यह भी माना जा रहा है कि पाकिस्तान से तुर्किये का मोहभंग हो चुका है, जो अपने आप में पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका है।
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