ऋषिकेश। उत्तराखंड में सरकारी और निजी जमीनों से अवैध मजारों को ध्वस्त करने का सिलसिला जारी है। हिंदू संगठनों ने आपसी सहमति से पिछले तीन दिनों में तीन और अवैध मजारों को हटा दिया है।
उत्तराखंड में एक षड्यंत्र के तहत सरकारी जमीनों पर कब्जा करने की नीयत से अवैध मजारें खड़ी कर दी गईं। कुछ खादिमों ने हिंदुओं की जमीनों पर भी कब्जा करने की नीयत से अवैध मजारें बनाईं। ऐसी भी जानकारी मिली है कि खादिमों द्वारा स्थानीय लोगों के साथ इन अवैध मजारों की देखरेख करने के लिए हिस्सेदारी भी की हुई थी।
आम तौर पर इन अवैध मजारों पर हिंदू लोग ही सजदा करने जाते हैं क्योंकि इस्लाम में खुदा के अलावा किसी के आगे भी झुकने की परंपरा नहीं है। खादिम इन मजारों के आसपास मार्केटिंग करते हैं और धूप, अगरबत्ती, झाड़ू, नमक, चादर आदि बेचते हैं। यहीं से वो भोले-भाले गरीब लोगों को कथित पीर फकीरों के फर्जी चमत्कारों के किस्से सुनाकर अपने स्वार्थ के काम कराते हैं। ऐसी ही तीन मजारों को देहरादून जिले में तोड़ा गया है। पहले इन मजारों की देखरेख करने वालों से सहमति पत्र लिए गए। उसके बाद इन्हें ध्वस्त कर दिया गया।
जानकारी के मुताबिक तीर्थ नगरी ऋषिकेश क्षेत्र में ऐसी करीब एक दर्जन मजारों को हटाया जा चुका है। अभी और भी कई मजारें ऋषिकेश में मौजूद बताई जा रही हैं। इनमें से कई वन भूमि में हैं। जानकारी के अनुसार अभी तक उत्तराखंड में 473 अवैध मजारों और 45 अन्य धार्मिक स्थल हटाए जा चुके हैं।
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