- भारत मण्डपम से आलोक गोस्वामी
नई दिल्ली में भारत मण्डपम में जी20 शिखर सम्मेलन के आज दूसरे दिन, “एक भविष्य” सत्र में अपना वक्तव्य रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमारे विश्व के सामने आज अनेक ज्वलंत समस्याएं हैं, जो हम सभी देशों के वर्तमान और भविष्य, दोनों को प्रभावित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि साइबर सिक्योरिटी और क्रिप्टो करेंसी की चुनौतियों से हम परिचित हैं। आज हमें क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेट करने के लिए वैश्विक मानक विकसित करने होंगे।
मोदी ने इस दिशा में जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता जताई। इसी प्रकार साइबर सिक्योरिटी के लिए भी वैश्विक सहयोग और फ्रेमवर्क की ज़रूरत है। साइबर जगत से आतंकवाद को नए माध्यम, फंडिंग के नए तौर-तरीके मिल रहे हैं। ये हर देश की सुरक्षा और समृद्धि के लिए बहुत महत्वपूर्ण विषय है।
भारत के प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि जब हम हर देश की सुरक्षा, हर देश की संवेदना का ध्यान रखेंगे, तभी एक भविष्य का भाव सशक्त होगा। आज “संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद” भी इसका एक उदाहरण है। जब यूएन की स्थापना की गयी थी, उस समय का विश्व आज से बिलकुल अलग था। उस समय यूएन में 51 संस्थापक सदस्य थे। आज इस में शामिल देशों की संख्या करीब 200 हो चुकी है। तब से आज तक दुनिया हर लिहाज़ से बहुत बदल चुकी है। ट्रांसपोर्ट हो, कम्यूनिकेशन हो, स्वास्थ्य, शिक्षा, हर सेक्टर का कायाकल्प हो चुका है। ये नई वास्तविकताएं हमारे नए वैश्विक ढांचे में झलकनी चाहिए। ये प्रकृति का नियम है कि जो व्यक्ति और संस्था समय के साथ स्वयं में बदलाव नहीं लाती है, वह अपनी प्रासंगिकता खो देती है। प्रधानमंत्री मोदी का संकेत साफ तौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की ओर है। कल अमेरिका भी भारत की इस अपील का समर्थन कर चुका है।
टिप्पणियाँ