नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में भारत की मेजबानी में चल रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक रविवार सुबह अक्षरधाम मंदिर पहुंचे। उनके साथ उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति भी थीं। दंपति ने श्री नीलकंठ वर्णी महाराज की मूर्ति पर अभिषेक भी किया और विश्व शांति, प्रगति और सद्भाव के लिए प्रार्थना की। उन्होंने मंदिर में हर मिनट का आनंद दिया। नंगे पैर चले। भक्ति में ऐसे रमे कि राजघाट जाने के कार्यक्रम का समय बढ़ता गया।
ऋषि सुनक राजघाट जाने से पहले वह पूजा करने के लिए पत्नी अक्षता के साथ अक्षरधाम मंदिर पहुंचे। मंदिर परिसर के अंदर अक्षता और सुनक दोनों नंगे पैर थे। बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर ने एक बयान में कहा, पीएम सुनक काफिले के साथ सुबह 6.45 बजे पहुंचे और पारंपरिक उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इसके बाद सुनक का स्वामियों के साथ-साथ मंदिर के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वागत किया। आध्यात्मिक गुरु महंत स्वामी महाराज ने संदेश दिया, “वसुधैव कुटुंबकम की भावना में, हम आपके और सभी उपस्थित लोगों के लिए प्रार्थना करते हैं: पूरी दुनिया को शांति, धार्मिक समृद्धि और वैश्विक सद्भाव की दिशा में सामूहिक रूप से मदद करने में शिखर सम्मेलन शानदार रूप से सफल हो।
मंदिर की ओर से जारी बयान में कहा गया कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को 100 एकड़ के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परिसर का अवलोकन कराया गया। यह भारत की परंपराओं और प्राचीन वास्तुकला को चित्रित करता है। आस्था, भक्ति और सद्भाव के शाश्वत हिंदू आध्यात्मिक संदेशों को बढ़ावा देता है। सुनक और उनकी पत्नी ने कला और वास्तुकला की प्रशंसा की।
हिंदू जड़ों पर गर्व
ऋषि सुनक ने अपने इस कार्यक्रम की जानकारी शनिवार को दी थी। हिंदू जड़ों पर गर्व व्यक्त करते हुए सुनक ने आश्वस्त होते हुए कहा था कि सम्मेलन के बीच उन्हें भारत में एक मंदिर का दौरा करने का समय मिल सकेगा। सुनक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी काफी तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि उनके मन में प्रधानमंत्री मोदी के लिए अत्यधिक सम्मान है। ऋषि सुनक ने मीडिया से कहा था, उन्हें हिंदू होने पर गर्व है। उनका पालन-पोषण इसी दायरे में हुआ है। हाल ही में हम रक्षाबंधन मना चुके हैं।
ऋषि सुनक के अक्षरधाम मंदिर पहुंचने से पहले दिल्ली पुलिस ने वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। अक्षरधाम मंदिर साहित्यिक-सांस्कृतिक संगम का प्रमुख स्थान है। इस मंदिर को स्वामीनारायण अक्षरधाम के नाम से भी जाना जाता है। यमुना नदी के तट पर स्थित इस मंदिर का निर्माण वास्तु शास्त्र और पंचरात्र शास्त्र के अनुसार हुआ है।
मंदिर का मॉडल किया भेंट
अक्षरधाम मंदिर के निदेशक ज्योतिंद्र दवे ने कहा कि सुनक को मंदिर में “असाधारण अनुभव” हुआ। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने यहां हर मिनट का आनंद लिया। वह समय बढ़ाते गए और लोग वास्तव में चिंतित थे कि उनके इतने सारे कार्यक्रम थे लेकिन कोई यह नहीं कह सकता था कि हमें बाहर जाना है। उनकी पत्नी भी बहुत खुश थीं। उन्होंने बहुत आस्था के साथ पूजा और आरती की। हमने उन्हें मंदिर दिखाया और उपहार के रूप में मंदिर का एक मॉडल भी दिया।
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