जी20 शिखर सम्मेलन में शिरकत करने ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक दिल्ली आए हैं, यहां उन्होंने अपने हिंदू धर्म से जुड़ाव पर खुल कर बात की। सुनक ने कहा कि मैं एक गौरवान्वित हिंदू हूं और इसी तरह मेरा पालन-पोषण हुआ है, मैं ऐसा ही हूं। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों तक यहां रहने के दौरान मैं किसी मंदिर के दर्शन कर सकूंगा।
ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने बताया कि अभी रक्षा बंधन में मेरी बहनों ने मुझे राखी बांधी, मेरे पास दूसरे दिन ठीक से जन्माष्टमी मनाने का समय नहीं था, लेकिन अगर यहां किसी मंदिर गया तो उसकी भरपाई कर सकूंगा। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि आस्था एक ऐसी चीज है, जो हर उस व्यक्ति की मदद करती है जो अपने जीवन में आस्था रखता है।
प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने समाचार एजेंसी ANI से कहा कि G20 भारत के लिए एक बड़ी सफलता रही है। भारत इसकी मेजबानी के लिए सही समय पर सही देश है।. मुझे लगता है कि हमारे पास कुछ दिनों तक विचार-विमर्श और निर्णय लेने का बहुत अच्छा मौका होगा। इसके अलावा उन्होंने खालिस्तान मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि यूके में किसी भी प्रकार का उग्रवाद या हिंसा स्वीकार्य नहीं है। इसीलिए हम विशेष रूप से खालिस्तान समर्थक उग्रवाद से निपटने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि G20 भारत की थीम वसुधैव कुटुंबकम एक बेहतरीन विषय है। जब आप एक परिवार कहते हैं, तो मैं उस अविश्वसनीय जीवंत पुल का उदाहरण हूं, जिसका वर्णन पीएम मोदी ने यूके और भारत के बीच किया है। उन्होंने कहा कि यूके में मेरे जैसे लगभग दो मिलियन भारतीय मूल के हैं। इसलिए ब्रिटिश प्रधानमंत्री के रूप में उस देश में रहना मेरे लिए बहुत खास है जहां से मेरा परिवार है।
पीएम मोदी को लेकर ऋषि सुनक ने कहा कि मेरे मन में मोदी जी के प्रति बहुत सम्मान है और वह व्यक्तिगत रूप से मेरे प्रति बहुत स्नेही रहे हैं। हम भारत और यूके के बीच एक महत्वाकांक्षी और व्यापक व्यापार समझौते को पूरा करने की अपनी साझा महत्वाकांक्षा पर बहुत कड़ी मेहनत कर रहे हैं, क्योंकि हम दोनों सोचते हैं कि यह एक अच्छी बात होगी और हम दोनों को इसे सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मंचों पर मैं यह सुनिश्चित करने में पीएम मोदी का समर्थन करने के लिए बहुत उत्सुक हूं कि यह G20 भारत के लिए एक बड़ी सफलता है।
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