ज्ञानवापी परिसर में एएसआई द्वारा सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्ष विरोध कर रहा था। एएसआई द्वारा न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर समय मांगा गया था। शुक्रवार को जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने सर्वे और उसकी रिपोर्ट तैयार करने के लिए समय सीमा बढ़ाए जाने की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के प्रार्थना पत्र को मंजूर कर 4 हफ्ते का समय दे दिया है।
गुरुवार को अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने सर्वे का विरोध किया था। गुरुवार को एएसआई टीम को बिना सर्वे के वापस लौटना पड़ा था। 4 हफ्ते का समय मिलने के बाद सर्वे कार्य फिर से शुरू हो पाएगा। हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि जज की ओर से मौखिक आदेश मिल चुका है।
न्यायालय ने ज्ञानवापी सर्वे व उसकी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो सितंबर की तिथि दी थी। लेकिन सर्वे का कार्य पूरा न होने की वजह से ऐसा नहीं हो सका। दो सितंबर को एएसआई ने अदालत से ज्ञानवापी का सर्वे बढ़ाने की अनुमति मांगी। जिला जज की अदालत में आज दोनों पक्षों को सुना गया। सर्वे को लेकर आदेश एएसआई के पक्ष में आया।
अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि परिसर काफी बड़ा है। एएसआई की टीम माइक्रो लेवल पर जांच कर रही है। मुस्लिम पक्ष ने अदालत में पक्ष रखा कि स्ट्रक्चर को एएसआई के कार्रवाई से नुकसान पहुंच सकता है। झाड़ू और ब्रश से सफाई करने से गिर सकता है।
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