देहरादून। विधानसभा के मानसून सत्र में कांग्रेस ने अवैध मजारों को तोड़ने और अतिक्रमण हटाओ अभियान पर शोर मचाया। बदले में बीजेपी सरकार ने कहा कि जो अवैध कब्जे हैं उन्हें हटाया जा रहा है।
नेता विरोधी दल यशपाल आर्य ने सदन स्थगित कर सरकार के अतिक्रमण हटाओ अभियान पर चर्चा की मांग की है। इससे पहले उन्होंने मीडिया से कहा कि सरकार ने सौ-सौ साल पुराने लीज धारकों को भी नोटिस दे दिए हैं और अतिक्रमण हटाने के नाम पर दहशत फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार ने अतिक्रमण हटाया है तो इसमें पीड़ित पक्ष की बात को नहीं सुना गया।
कांग्रेस के लक्सर क्षेत्र के विधायक मोहम्मद शहजाद ने आरोप लगाया कि सरकार ने मजारे तुड़वा दी, किंतु जंगलों में मंदिरों को हाथ नहीं लगाया। उधर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कांग्रेस नेताओं पर पलटवार करते हुए कहा कि जिन धार्मिक स्थलों के जमीन कागजात आदि वैध हैं, उन्हें नहीं हटाया गया है, केवल सरकारी जमीन पर कब्जे की नियत से बैठे लोगों को और धार्मिक चिन्हों को हटाया जा रहा है। इसमें सभी धर्मो के अवैध धार्मिक चिन्ह स्थलों को हटाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि हाई कोर्ट के निर्देश पर अतिक्रमण हटाया गया है, हमने सभी जिला अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वो सबसे पहले नोटिस दें उनका पक्ष जानें फिर अतिक्रमण हटाएं। इस बारे में हाई कोर्ट का भी यही आदेश है। उन्होंने साफ किया कि वन विभाग के जंगलों में चलाया जा रहा लैंड जिहाद के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। बहरहाल सरकार के अतिक्रमण हटाओ अभियान को खासी सुर्खियां मिल रही है। सरकार की तरफ से तीन हजार एकड़ से ज्यादा सरकारी वन भूमि कब्जा मुक्त किए जाने की भी बात की गई है।
टिप्पणियाँ