मथुरा/वृंदावन। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से पहले ही वृंदावन-मथुरा में बिहारी जी के भक्तों का रैला उमड़ने लगा है। 6, 7, 8 तीन दिन मनाए जाने वाले कन्हैया के जन्मोत्सव को लेकर अबकी बार मंदिरों में विशेष इंतजाम किए गए हैं। भीड़ प्रबंधन को पुलिस-प्रशासन ने पहले से ही विशेष रणनीति तैयार कर ली है। बांके बिहारी मंदिर में एक साथ भीड़ का दबाव न बढ़े, इसके लिए मंदिर जाने वाले रास्तों पर बैरियर लगाकर होल्डिंग प्लान लागू किया गया है। बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन ने श्रृद्धालुओं से बुजुर्ग, बीमार और बच्चों को साथ न लाने की अपील की है। मंदिरों में आरती-पूजा की समय तालिका भी जारी कर दी गई है।
बांकेबिहारी मंदिर प्रबंधन दर्शनार्थियों से निवेदन किया गया है कि जिन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, वह चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार दवाई लेकर ही दर्शन करने आएं। गत वर्ष जन्माष्टमी पर बांकेबिहारी मंदिर में भीड़ के दबाव से दम घुटने से दो श्रद्धालु की मौत हो गई थी। मंदिर प्रबंधक मुनीष शर्मा की ओर से इस बार 7-8 सितंबर 2 दिन जन्माष्टमी एवं नंदोत्सव को देखते हुए विशेष एडवाइजरी जारी कर कहा गया है कि श्रद्धालु कीमती सामान न लाएं। प्रशासन की व्यवस्था के अनुरूप मंदिर के प्रवेश व निकास मार्गों का प्रयोग करें। बता दें कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मथुरा-वृंदावन में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को भव्य तरीके से मनाए जाने के सम्बंध में अफसरों को विशेष निर्देश जारी किए हैं। श्रृद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन से सुरक्षा, ट्रैफिक सम्बंधी व्यापक इंतजाम करने को कहा गया है।
जेल में बंदियों की बनाई पोशाक धारण करेंगे बांके बिहारी
मथुरा जेल अधीक्षक बृजेश कुमार ने प्रेस को बताया है कि जेल में निरुद्ध बंदियों ने बांके बिहारी को भेंट की जाने वाली विशेष पोशाक तैयार की है। जन्माष्टमी पर बांके बिहारी बंदियों द्वारा तैयार की पोशाक धारण करेंगे। काफी मेहनत के बाद पोशाक में शामिल 11 आइटम बंदियों ने तैयार किए हैं। 24 मीटर कपड़े और रेशम के धागों से इस पोशाक को तैयार किया है। इनमें बिहारी जी का लंहगा, पिछवाई, ओढ़नी, बिछौना, कमरबन्द, चुटीला, श्रीजी का लंहगा आदि शामिल हैं। जेल में निरुद्ध बंदी बंदी भरत, नेहना, करन, बॉबी, शेर सिंह, पिन्टू, राहुल एवं सोनू ने सभी चीजों पर रेशम के धागों से जरी का काम किया गया है।
देश-विदेश से मथुरा-वृंदावन पहुंचने लगे कन्हैया जी के भक्त
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर अजन्मे के जन्मोत्सव के साक्षी बनने को पहले से ही देश-विदेश से श्रद्धालुओं के मथुरा-वृंदावन पहुंचने का क्रम शुरू हो गया है। प्रशासन ने इस बार जन्माष्टमी को लेकर विशेष सुरक्षा एवं ट्रैफिक की व्यवस्था की है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान जाने वाले रास्तों पर होल्डिंग सिस्टम लागू किया गया है। एसपी सुरक्षा आनंद कुमार ने मीडिया को बताया कि श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने व सुगमता से दर्शन कराने को लेकर एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय के निर्देशन में पुलिस पहले से ही जुट गई है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को गोविंदनगर की ओर बने गेट नंबर तीन से प्रवेश कराने और गेट नम्बर एक से निकालने की व्यवस्था रहेगी। श्रद्धालुओं की भीड़ के बढ़ते दबाव के दौरान किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न हो, इसको लेकर महाविद्या की ओर, गोविंद नगर थाने के सामने व पास ही बनी पार्किंग स्थल पर बैरियर लगाए गए हैं। होल्डिंग प्वाइंट पर श्रद्धालुओं को रोक-रोक कर मंदिर की ओर जाने के लिए की व्यवस्था की गई है, ताकि मंदिर में भीड़ अधिक होने पर होल्डिंग स्थलों पर श्रृद्धालुओं को रोका जा सके। श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा व संदिग्धों पर निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे लगातार निगरानी की जाएगी। जन्मस्थान के रेड व यलो जोन में लगे अत्याधुनिकतम हाई तकनीकी के सीसी टीवी कैमरों के जरिए भी मॉनीटरिंग की जाती रहेगी कंट्रोल रूम पर लगातार 24 घंटे कर्मी अलर्ट मोड पर रहकर ड्यूटी देंगे और फोन पर तुरंत रेस्पोंस टीमें मौके पर पहुंचकर मदद करती नजर आएंगी। बता दें कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर ठाकुर बांके बिहारी विशेष आरती के साथ-साथ यहां मंदिरों में दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं ने होटल-धर्मशाला, आश्रम व गेस्ट हाउसों में पहले से बुकिंग करा ली हैं। रविवार से ही भक्तों के मथुरा-वृंदावन आने का क्रम शुरू हो चुका है।
बांके बिहारी मंदिर
बांकेबिहारी मंदिर में सात सितंबर को सुबह 7:45 बजे पट खुलेंगे। 7:55 बजे श्रंगार आरती, 11:55 बजे राजभोग आरती और 12 बजे छींटा देकर पर्दा बंद किये जायेंगे। शाम 5:30 बजे पट खुलेंगे। 925 बजे शयनभोग आरती, 930 बजे पर्दा बंद होगा और फिर 12 बजे महाभिषेक होगा। रात 1:45 बजे दर्शन खुलेंगे: 1:55 बजे मंगला आरती और दो बजे पर्दा बंद। शहनाई एवं नगाड़ों के वादन के साथ मंगला आरती के दर्शन प्रात: 5:30 बजे से होंगे। सुबह 8 बजे पंचामृत अभिषेक होगा। प्रात: 10 बजे पुष्पांजलि श्रीराधा कृष्ण युगल के श्रीचरणों में भागवत-भवन में अर्पित होगी। मंगलार्चन एवं वेदमंत्रों के मध्य तुलसीदल अर्चन होगा। भजन-गायन गायन होगा। जन्म महाभिषेक रात्रि 11 बजे श्रीगणेश-नवग्रह पूजन से आरंभ होगा। 1008 कमल-पुष्पों से ठाकुरजी का सहस्त्रत्तर्चन कर आह्वान किया जाएगा। रात्रि 12 बजे प्राकट्य के साथ संपूर्ण मंदिर परिसर में ढोल-नगाड़े, झांझ-मजीरे, मृदंग बज उठेंगे और हरिबोल के साथ असंख्य भक्त-संत नाच उठेंगे। जन्म की महाआरती शुरू होगी, जो रात्रि 12:05 बजे तक चलेगी। केसर आदि द्रव्यों से लिपटे हुए भगवान श्रीकृष्ण के चल विग्रह मोर्छलासन में विराजमान होकर अभिषेक स्थल पर पधारेंगे। इसके बाद स्वर्ण मण्डित रजत गऊ अपने पयोधर से भगवान के श्रीविग्रह का प्रथम अभिषेक करेंगी। श्रीविग्रह अभिषेक स्थल पर रजत कमल में विजरामान होंगे। ठाकुरजी की श्रंगार आरती रात्रि 1240 बजे से 1250 बजे तक होगी एवं कृष्ण जन्मस्थान में श्रद्धालुओं का प्रवेश रात्रि 130 बजे तक होगा। पंचामृत प्रसाद एवं लड्डू प्रसाद का वितरण निकास द्वार के दोनों ओर रात्रि 1240 बजे से होगा।
ठाकुर राधाबल्लभ मंदिर में सात सितंबर को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। पदगायन और भोगराग सेवा होगी। आठ सितम्बर को नन्दोत्सव मनाया जायेगा।
ठाकुर राधारमण मंदिर में सात सितंबर को सुबह नौ बजे से 12:30 बजे तक महाभिषेक होगा। दूध, दही, केशर, शहद और बूरे से अभिषेक किया जायेगा।
ठाकुर मदनमोहन मंदिर में सात सितंबर को रात 11 बजे से 12 बजे तक महाभिषेक, उसके बाद आरती और प्रसाद वितरण होगा।
इस्कॉन मंदिर में सात सितंबर को 945 बजे से 12 बजे तक महाभिषेक होगा। उसके बाद श्रंगार आरती और छप्पन भोग दर्शन होंगे।
रंगनाथ मंदिर में सात सितंबर को रात 11 बजे से 12 बजे तक त्रिमंजन (पूजा) अभिषेक होगा, आठ सितम्बर को सुबह नौ बजे नन्द उत्सव के उपलक्ष्य में सवारी निकलेगी। शाम पांच बजे भी सवारी निकाली जाएगी, उसके बाद लट्ठ मेले का आयोजन शुरू होगा।
ठाकुर राधादामोदर मंदिर में सात सितंबर को सुबह 11 बजे से 12 बजे तक महाभिषेक होगा।
ठाकुर राधागोपीनाथ मंदिर में सात सितंबर को रात 11 बजे से 12 बजे तक महाभिषेक होगा। यहां मंगला आरती न होकर धूप निकलने के बाद नन्द उत्सव मनाया जायेगा।
ठाकुर गोविंददेव मंदिर में सात सितंबर को सुबह 830 बजे से 1030 बजे तक महाभिषेक होगा, आठ सितंबर को सुबह 930 बजे से नन्दोत्सव मनाया जायेगा।
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