अनुच्छेद 370 पर सुनवाई के 15वें दिन सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच ने याचिकाकर्ता अकबर लोन की तरफ से जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी किए जाने पर सवाल किया। इस पर वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि हममें से कोई भारत की संप्रभुता को चुनौती नहीं दे रहा। लोन सांसद हैं और उन्होंने संविधान की शपथ ली है। तब सुप्रीम कोर्ट ने सिब्बल से कहा कि उनसे कहिए कि संविधान के प्रति निष्ठा का हलफनामा दाखिल करें, क्योंकि जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है।
…तो मैं नहीं लड़ूंगा मुकदमा
कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अगर मोहम्मद अकबर लोन संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेते हुए हलफनामा दायर नहीं करते हैं, तो वह उनके लिए मुकदमा नहीं लड़ेंगे। ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे पर कपिल सिब्बल ने कहा कि वह निजी तौर पर लोन के 2018 में जम्मू कश्मीर विधानसभा में कही बातों से सहमत नहीं हैं।
दरअसल, कश्मीरी पीड़ितों के संगठन ‘रूट इन कश्मीर’ ने सांसद लोन पर आरोप लगाया है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उन्होंने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया था। वह अब अनुच्छेद 370 हटाने को चुनौती देने वाले प्रमुख याचिकाकर्ता हैं।
केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अकबर लोन को भारत के संविधान के प्रति निष्ठा रखने को लेकर हलफनामा दाखिल करना चाहिए। उन्हें हलफनामे में बताना चाहिए कि वह जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद का विरोध करते हैं। वह कोई आम आदमी नहीं, बल्कि सांसद हैं। केंद्र का कहना है कि अगर कोर्ट इस पर कुछ नहीं करेगा, तो इससे दूसरों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
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