आदित्य-एल1 के लिए वैज्ञानिकों ने महीनों तक नहीं यूज किया परफ्यूम, जानें क्या है वैज्ञानिक कारण
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

आदित्य-एल1 के लिए वैज्ञानिकों ने महीनों तक नहीं यूज किया परफ्यूम, जानें क्या है वैज्ञानिक कारण

16 दिनों तक आदित्य एल-1 पृथ्वी का चक्कर लगाने के बाद सूर्य की ओर बढ़ेगा। चार महीने के सफर के बाद आदित्य एल-1 पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर लैगरेंज प्वॉइंट- 1 तक पहुंचकर स्थापित हो जाएगा।

by WEB DESK
Sep 4, 2023, 04:22 pm IST
in भारत
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

बेंगलुरु के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य एल-1 की रवानगी हो चुकी है। जो आने वाले 4 महीनों में पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर अंतरिक्ष से सूरज का अध्ययन करेगा। इसरो के मुताबिक आदित्य एल-1 करीब पांच सालों तक सूरज का गहराई से विश्लेषण करेगा। यह सूर्ययान सूरज से लाखों किलोमीटर दूर जरूर रहेगा, लेकिन आदित्य एल-1 का अध्ययन भारत के आने वाले कई मिशनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगा। इसरो के वैज्ञानिकों ने सूरज की स्टडी के लिए पहली बार आदित्य एल1 के माध्यम से कोई यान भेजा है, लेकिन इस मिशने के पीछे वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत और लगन है। जिसकी वजह से ही सूर्य मिशन सफल हुआ है।

बतादें, इस मिशन की शुरुआत में कुछ इस तरह की बातें सामने आईं थी, जो किसी को भी सुनने में बेहद अजीब लगेंगी, लेकिन ये वास्तव में सच है कि वैज्ञानिकों की वर्षों की कड़ी मेहनत की बदौलत ही आदित्य एल1 का सफल परिक्षण हुआ है। इन्हीं कामों में से एक काम ऐसा है, जिससे मिशन के दौरान वैज्ञानिकों ने दूरी बनाकर रखी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, सौर मिशन के मुख्य पेलोड पर काम कर रही टीम के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को परफ्यूम लगाकर काम करने पर कड़ी मनाही थी। इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण भी है। जिसकी वजह से टीम के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने वर्षों तक परफ्यूम का उपयोग नहीं किया।

बतादें, भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान की टीम ने आदित्य एल1 के मुख्य पेलोड का निर्माण किया था, और जिसमें वैज्ञानिक और इंजीनियर शामिल थे। इस दौरान ये लोग काम के समय परफ्यूम या किसी भी प्रकार की सुगंधित चीज लगाकर काम नहीं किया करते था। उन्हें परर्फ्यूम लगाकर काम करने की मनाही थी। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि इत्र का एक भी कण आदित्य एल1 के मुख्य पेलोड विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (वीईएलसी) को तैयार करने के दौरान बाधा डाल सकता था।

अस्पताल के ICU से एक लाख गुना साफ कमरा
आपको ये जानकर बेहद हैरानी होगी कि इसरो ने सौर मिशन आदित्य-एल1 के मुख्य पेलोड को तैयार करने के लिए इतना साफ वातावरण तैयार किया था जोकि अस्पताल के आईसीयू से 1 लाख गुना ज्यादा स्वच्छ था। इससे आप खुद ही अंदाजा लगाइए कि वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने इस मिशन के काम के दौरान किन-किन परेशानियों और सावधानियों को बरता होगा। टीम के प्रत्येक सदस्य को संदूषण से बचने के लिए स्पेस मैन जैसे सूट पहनने पड़े थे, इतना ही नहीं इस टीम के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को अल्ट्रासोनिक सफाई से भी गुजरना पड़ा था।

जानिए वजह क्या थी ?
विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ तकनीकी टीम के प्रमुख नागाबुशाना एस के अनुसार, जिस रूम में वैज्ञानिक और इंजीनियरों की टीम ने काम किया उसे अस्पताल के आईसीयू से 1 लाख गुना अधिक साफ रखना पड़ता था। उन्होंने आगे बताया कि हमने HEPA (उच्च दक्षता वाले पार्टिकुलेट एयर) फिल्टर, आइसोप्रोपिल अल्कोहल (99 प्रतिशत केंद्रित) और कठोर प्रोटोकॉल का पालन किया, ताकि कोई भी बाहरी कण काम में व्यवधान नहीं डाल सकें। वीईएलसी तकनीकी टीम के सदस्य आईआईए के सनल कृष्णा ने बताया कि ऐसा इसलिए क्योंकि एक-एक कण को खत्म करने के लिए कई दिनों की मेहनत खराब हो सकती थी।

बहरहाल, आदित्य एल-1 भारत का पहला सूर्य मिशन है जो शनिवार सुबह आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में इसरो के लॉन्च पैड से रवाना हुआ, जो 16 दिनों तक पृथ्वी का चक्कर लगाने के बाद सूर्य की ओर बढ़ेगा। चार महीने के सफर के बाद आदित्य एल-1 पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर लैगरेंज प्वॉइंट- 1 तक पहुंचकर स्थापित हो जाएगा। इसी प्वॉइंट से वह सूर्य का अध्ययन करेगा। इस बीच इसरो ने जानकारी दी है कि आदित्य एल1 ने अपनी कक्षा बदल ली है और अब वह दूसरी कक्षा में स्थापित हो गया है। इसरो के मुताबिक, अब 5 सितंबर को दोबारा कक्षा में बदलाव होगा।

Topics: National News In HindiIndia News In HindiNews in hindiAditya-L1आदित्य-एल1aditya-l1 live locationaditya-l1 latestआदित्य-एल1 लाइव लोकेशनआदित्य-एल1 लेटेस्टHindi news
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

उदयपुर में फिर गला काटने की कोशिश : हिन्दू दुकानदार पर झपट पड़े मजहबी, झुंड में आकर किया हमला

अब अगर आतंकी हमला हुआ तो माना जाएगा ‘युद्ध’ : पाकिस्तान को भारत की अंतिम चेतावनी

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पद्मश्री योग गुरु शिवानंद जी

पद्मश्री योग गुरु बाबा शिवानंद का निधन, 129 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में सपा नेता ने लगाए विवादित पोस्टर, एफआईआर दर्ज

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला

दिल्ली में 9 फरवरी तक लगेगा विश्व पुस्तक मेला, पहली बार मप्र संस्कृति विभाग की पुस्तकें होंगी प्रदर्शित

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

अर्थ जगत: कर्ज न बने मर्ज, लोन के दलदल में न फंस जाये आप; पढ़िये ये जरूरी लेख

जर्मनी में स्विमिंग पूल्स में महिलाओं और बच्चियों के साथ आप्रवासियों का दुर्व्यवहार : अब बाहरी लोगों पर लगी रोक

सेना में जासूसी और साइबर खतरे : कितना सुरक्षित है भारत..?

उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमि शुरू : सीएम धामी ने कहा- ‘फर्जी छद्मी साधु भेष धारियों को करें बेनकाब’

जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति

इस्लामिक आक्रमण और ब्रिटिश उपनिवेशवाद ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था को नुकसान पहुंचाया : उपराष्ट्रपति धनखड़

Uttarakhand Illegal Madarsa

बिना पंजीकरण के नहीं चलेंगे मदरसे : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दिए निर्देश

देहरादून : भारतीय सेना ने अग्निवीर ऑनलाइन भर्ती परीक्षा सम्पन्न

इस्लाम ने हिन्दू छात्रा को बेरहमी से पीटा : गला दबाया और जमीन पर कई बार पटका, फिर वीडियो बनवाकर किया वायरल

“45 साल के मुस्लिम युवक ने 6 वर्ष की बच्ची से किया तीसरा निकाह” : अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत के खिलाफ आक्रोश

Hindu Attacked in Bangladesh: बीएनपी के हथियारबंद गुंडों ने तोड़ा मंदिर, हिंदुओं को दी देश छोड़ने की धमकी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies