यूनिकोड एनकोडिंग में 3684 इमोजी चिह्नों को शामिल किया गया है और उन्हें एक वैधानिक लिपि का दर्जा दिया गया है। मजेदार बात यह है कि तकनीकी रूप से जटिल होने के बावजूद इन चिह्नों को याद रखना आसान है क्योंकि अक्षरों की अपेक्षा चित्र हमें अधिक याद रहते हैं।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता और क्वान्टम कंप्यूटिंग के दौर में जटिलतम पासवर्ड (अनेक लिपियां, अंक, छोटे-बड़े अक्षर, विशेष चिह्न आदि से युक्त) भी अभेद्य नहीं हैं। तो फिर किया क्या जाए? क्या जिन इमोजी (स्माइली) चिह्नों का प्रयोग हम अपने सोशल मीडिया संदेशों को दिलचस्प, अधिक प्रभावशाली बनाने तथा बेहतर अभिव्यक्ति के लिए करते हैं उनमें एक अच्छे पासवर्ड का राज छिपा है?
जटिलतम पासवर्डों को बनाना तो संभव है, याद रखना और टाइप करना चुनौतीपूर्ण है। अगर पासवर्ड प्रणालियां इमोजी चिह्नों का प्रयोग करने लगें तो यह चुनौती छोटी लगने लगती है। भले ही हम फिलहाल कुछ दर्जन इमोजी चिह्नों का ही प्रयोग करते हैं किंतु वास्तव में उनकी संख्या बहुत बड़ी है। यूनिकोड एनकोडिंग में 3684 इमोजी चिह्नों को शामिल किया गया है और उन्हें एक वैधानिक लिपि का दर्जा दिया गया है। मजेदार बात यह है कि तकनीकी रूप से जटिल होने के बावजूद इन चिह्नों को याद रखना आसान है क्योंकि अक्षरों की अपेक्षा चित्र हमें अधिक याद रहते हैं।
पासवर्ड बनाना कोई आसान काम है और न ही उसका प्रबंधन, स्मरण, सुरक्षित रूप से सहेजना आदि भी कोई बच्चों का खेल है। तो यह होगा कैसे। वास्तव में प्रश्न जितना कठिन लगता है, उतना है नहीं। पहली बात तो यह कि आज भी पासवर्ड के साथ-साथ बेहतर सुरक्षा के लिए पास-फ्रेज का प्रचलन में है। पास-फ्रेज से तात्पर्य लंबी पंक्तियों से है जिनका प्रयोग आप पासवर्ड के रूप में कर सकते हैं, जैसे- अपने प्यारे भारतवर्ष के लिए मैं जान भी दे सकता हूं(I
बेहद संवेदनशील परिस्थितियों में अधिक सुरक्षा के लिए इमोजी चिह्नों की अधिकतम संख्या का प्रयोग किया जा सकता है किंतु यदि सामान्य परिस्थितियों में हम 500 चिह्नों को भी ले लें तो उन्हें शामिल करते हुए बनाया जाने वाला 8 अक्षरों का पासवर्ड, जिसमें अंग्रेजी के साथ-साथ देवनागरी, मंदारिन तथा अन्य लिपियों के अक्षर, अंक, गणितीय चिह्न, विराम चिह्न आदि को भी शामिल किया जाए तो हम लगभग अभेद्य पासवर्ड की तरफ बढ़ चलेंगे। जैसा कि गूगल में कार्यरत मेरे एक मित्र ने विनोद में कहा था कि क्वांटम कंप्यूटिंग के दौर में हमें 40 अक्षर लंबे पासवर्ड की आवश्यकता होगी, यदि हम वास्तव में इतना लंबा पासवर्ड बनाने लगे तो संभवत: वह सचमुच अभेद्य बन जाए। सामान्य कंप्यूटर जिन कार्यों को करोड़ों वर्षों में करता है, उन्हें क्वान्टम कंप्यूटर कुछ सेकंड में कर सकता है, याद होगा आपको।
किंतु न तो इतना लंबा और इतना विविधतापूर्ण पासवर्ड बनाना कोई आसान काम है और न ही उसका प्रबंधन, स्मरण, सुरक्षित रूप से सहेजना आदि भी कोई बच्चों का खेल है। तो यह होगा कैसे। वास्तव में प्रश्न जितना कठिन लगता है, उतना है नहीं। पहली बात तो यह कि आज भी पासवर्ड के साथ-साथ बेहतर सुरक्षा के लिए पास-फ्रेज का प्रचलन में है। पास-फ्रेज से तात्पर्य लंबी पंक्तियों से है जिनका प्रयोग आप पासवर्ड के रूप में कर सकते हैं, जैसे- अपने प्यारे भारतवर्ष के लिए मैं जान भी दे सकता हूं(I can give away my life for my beloved India)। भले ही अंग्रेजी में या फिर हिंदी में, आप चाहें तो इस तरह के लंबे वाक्यों का प्रयोग पासवर्ड या पासफ्रेज के रूप में कर सकते हैं और अपनी लंबाई के कारण ये बेहद सुरक्षित हैं। ये जटिल भी हैं क्योंकि टाइपिंग में कहीं एक बिंदु का भी अंतर आने पर हैकर का प्रयास विफल हो जाएगा।
किंतु आज हममें से अधिकांश लोगों को 8 अक्षरों का भी ठीकठाक पासवर्ड नहीं सूझ पाता तो हम 40 अक्षरों का इतना विविधतापूर्ण पासवर्ड कैसे बनाएंगे? उत्तर है, पासवर्ड मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर की मदद से। वही आपका पासवर्ड बनाएगा, वही याद रखेगा और वही जरूरत पड़ने पर उन्हें मनचाहे स्थान पर टाइप भी करेगा। हर वेबसाइट, हर एप्लीकेशन, हर दस्तावेज, हर सरकारी सेवा आदि के लिए अलग पासवर्ड बनाया जा सकेगा। संबंधित वेब सेवाओं के साथ तालमेल करके वह हर बार अलग पासवर्ड का भी प्रयोग कर सकेगा। और आपको याद रखना होगा तो सिर्फ इस पासवर्ड प्रबंधन सॉफ्टवेयर का अपना पासवर्ड। जब आप खुद अपना पासवर्ड नहीं जानते होंगे तो भला हैकर क्या खाक जानेगा?
(लेखक माइक्रोसॉफ्ट एशिया में डेवलपर मार्केटिंग के प्रमुख हैं)
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