वृंदावन-गोकुल के बीच यमुना में चलेंगे क्रूज, 22 किमी के जलमार्ग में पर्यटक सुविधा को बनेंगे 11 टर्मिनल

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विशेष संवाददाता

मथुरा। वृंदावन-गोकुल के बीच जल परिवहन परियोजना अब जल्द ही मूर्त रूप लेने जा रही है। केंद्रीय जल परिवहन मंत्रालय ने 22 किमी के जलमार्ग में 400 की सवारी क्षमता वाले दो क्रूज के संचालन को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा 10 से अधिक स्टीमर भी यमुना में उतारने की तैयारी कर ली गई है। इसी माह टेंडर प्रक्रिया शुरू किए की खबर है।

वृंदावन से गोकुल तक का यमुना जलमार्ग लगभग 22 किमी लंबा होगा। इस दूरी में 11 टर्मिनल बनाए जाएंगे, जहां से पर्यटक क्रूज से उतर और चढ़ सकेंगे। जिन स्थानों पर टर्मिमनल बनाए जाने हैं, उनमें जुगल घाट, विहार घाट, केशी घाट, देवराहा बाबा घाट, पानीगांव, कंसकिला, स्वामी घाट, विश्राम घाट, सुदर्शन घाट, गोकुल घाट और गोकुल बैराज शामिल हैं। मथुरा के जिला पर्यटन अधिकारी डीके शर्मा ने मीडिया को बताया है कि यमुना में क्रूज चलाने के लिए केंद्रीय मंत्रालय की टीम पूर्व में ही सर्वे का काम पूरा कर चुकी है।

टीम की ओर से कहा गया था कि यमुना में जहां जलस्तर कम होगा, वहां-वहां स्थानीय अथॉरिटी से ड्रेजिंग कराई जाएगी। यमुना में संचालित होने वाले क्रूज अत्याधुनिक गुणवत्ता वाले होंगे, इसलिए उनके लिए ज्यादा गहरे पानी की आवश्यकता नहीं होगी। अफसरों का कहना है कि वृंदावन-गोकुल जल मार्ग शुरू होते ही वृंदावन-गोकुल में सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कम हो जाएगा और इससे जाम की समस्या भी कम होगी। जलमार्ग यात्री परिवहन का अतिरिक्त विकल्प तो होगा ही, साथ ही ब्रज की संस्कृति को और गहराई से जानने का माध्यम भी बनेगा। प्राचीन और पारंपरिक यमुना घाटों के दर्शन श्रद्धालुओं को अलग ब्रज की यादें सहेजने में सहायक साबित होंगे।

बता दें कि उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद यमुना में जल परिवहन का प्रस्ताव सांसद हेमामालिनी के जरिए पूर्व में जल परिवहन मंत्री रहे नितिन गडकरी को भिजवाया था। उन्हीं के समय केंद्रीय जल परिवहन मंत्रालय की टीम ने आकर सर्वे भी किया था और अपनी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की थी। नितिन गडकरी के बाद केंद्रीय जल परिवहन मंत्री बने सर्बानंद सोनोवाल इस परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाने में जुटे हैं। परियोजना को धरातल पर लाने के लिए केंद्रीय मंत्रालय ने दो क्रूज आवंटित किए हैं। इन दो क्रूज के अलावा आधा दर्जन से अधिक स्टीमर भी होंगे, जिनसे यात्री वृंदावन से गोकुल या गोकुल से वृंदावन तक आ जा सकेंगे। केंद्रीय मंत्रालय इस परियोजना को उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद संचालित करने वाला है।

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