नई दिल्ली। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 में दिल्ली के सुल्तानपुरी सिख विरोधी दंगा मामले में पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले में फैसला फिर टाल दिया। स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने इस मामले पर मंगलवार को 15 सितंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया।
इसके पहले कोर्ट 11 अगस्त और 25 जुलाई को भी फैसला टाल चुका है। इस मामले को पटियाला हाउस कोर्ट ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में ट्रांसफर किया था। इस केस को दर्ज करने का आदेश सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए बने नानावती आयोग ने दिया था। 16 नवंबर 2018 को केस की मुख्य गवाह चाम कौर ने पटियाला हाउस कोर्ट में उपस्थित सज्जन कुमार की पहचान की थी।
चाम कौर ने 20 सितंबर 2018 को आरोप लगाया था कि उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देकर कोर्ट में गवाही देने से रोका जा रहा है। उन्होंने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी सुरक्षा की मांग की थी। चाम ने कहा था कि 19 सितंबर की रात दिल्ली के सुल्तानपुर माजरा के पूर्व कांग्रेस विधायक जय किशन के लोगों ने उसके घर आकर धमकी दी। साथ ही पैसे का भी लालच दिया।
इसके बाद 28 मार्च 2019 को जोगिंदर सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट को बताया था कि सज्जन कुमार ने भीड़ का नेतृत्व कर उसे उकसाने का काम किया । जोगिंदर ने कहा था कि जब वे एफआईआर लिखवाने थाने पहुंचे तो पुलिस ने सज्जन कुमार का नाम लिखने से इनकार कर दिया। जोगिंदर ने कहा था कि दंगे में उनके भाई की हत्या कर दी गई।
सज्जन कुमार सिख विरोधी दंगों के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद दिल्ली की मंडोली जेल में बंद है। सज्जन ने 31 दिसंबर 2018 को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में सरेंडर किया था।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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